
नई दिल्ली: सऊदी अरब से लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्शन में आ गए हैं। जैसे ही पीएम मोदी दिल्ली पहुंचे, उन्होंने सीधे एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक तात्कालिक बैठक की। इस बैठक में उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जरूरी जानकारी ली। इसके बाद वे सुरक्षा मामलों पर होने वाली कैबिनेट बैठक में भी शामिल होंगे।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जबकि 13 अन्य घायल हुए हैं। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री ने सऊदी दौरा बीच में ही छोड़कर तुरंत भारत वापसी का फैसला किया और बुधवार सुबह दिल्ली लौटे।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एक्शन लिया। हमले के कुछ घंटों बाद ही वे श्रीनगर पहुंच गए, जहां जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात ने उन्हें घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी। इसके बाद शाह ने सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि शाह ने इस आतंकी घटना के मद्देनजर श्रीनगर में सुरक्षा हालात की समीक्षा की और जरूरी निर्देश जारी किए। बता दें कि यह हमला कश्मीर घाटी में 2019 के पुलवामा हमले के बाद अब तक का सबसे बड़ा और भयावह हमला माना जा रहा है।
हमले की जगह – बैसरन – को अक्सर “मिनी स्विट्जरलैंड” कहा जाता है और यह पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। मंगलवार दोपहर को जब कई लोग वहां पिकनिक मना रहे थे, टट्टू की सवारी कर रहे थे और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे, तभी हथियारबंद आतंकियों ने अचानक हमला बोल दिया। इस गोलीबारी में ज्यादातर जानें पर्यटकों की गईं। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
बताया जा रहा है कि आतंकी जम्मू के किश्तवाड़ से होते हुए दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचे थे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे हाल के वर्षों में आम नागरिकों पर हुआ सबसे खतरनाक हमला करार दिया है।