उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे पर भारतीय वायुसेना ने अपने लड़ाकू और मालवाहक विमानों की सफल उड़ानें भरी हैं। इस एक्सप्रेसवे पर तैयार की गई 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी वायुसेना के विमानों की दिन और रात दोनों समय में लैंडिंग और टेक-ऑफ की क्षमता रखती है। यह देश की पहली ऐसी पट्टी है, जहां दिन-रात सैन्य विमान संचालन संभव होगा। अधिकारियों के अनुसार, यह पट्टी वायुसेना के नियमित अभ्यास और आपातकालीन अभियानों में सहायक सिद्ध होगी। सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु पट्टी के दोनों ओर करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा, “यह केवल एक सड़क नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में उत्तर प्रदेश की एक मजबूत पहल और विकास की जीवनरेखा है।” गंगा एक्सप्रेसवे की यह एयरस्ट्रिप न केवल सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आपदा और युद्ध की स्थिति में वैकल्पिक रनवे के रूप में कार्य करने में सक्षम है।
उत्तर प्रदेश अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसके पास चार एक्सप्रेसवे एयरस्ट्रिप मौजूद हैं। यह पहल सैन्य और आपदा प्रबंधन दोनों में राज्य की तत्परता को दर्शाती है:
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
यह भारत का पहला एक्सप्रेसवे था जिसे भारतीय वायुसेना द्वारा आपातकालीन लैंडिंग के लिए उपयोग किया गया। 2017 में उन्नाव के पास 3.2 किमी लंबी स्ट्रिप पर मिराज-2000, सुखोई Su-30 MKI और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों ने सफल अभ्यास किया। यह रनवे विशेष रूप से मजबूत कंक्रीट से बनाया गया है ताकि उच्च गति वाली लैंडिंग को सह सके। - पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
सुल्तानपुर जिले में स्थित इस 3.2 किमी लंबी एयरस्ट्रिप का उद्घाटन 2021 में हुआ था। उद्घाटन के मौके पर भारतीय वायुसेना के विमानों ने लाइव डेमो में भाग लिया, जिसमें मिराज-2000 और एएन-32 ने उड़ान भरी और उतरे। इस एक्सप्रेसवे की संरचना सैन्य उद्देश्यों को ध्यान में रखकर की गई है। - यमुना एक्सप्रेसवे
ग्रेटर नोएडा से आगरा को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे पर 2015 में पहली बार मिराज-2000 की ट्रायल लैंडिंग की गई थी। हालांकि इसे स्थायी हवाई पट्टी के रूप में घोषित नहीं किया गया, लेकिन यह भारत के पहले हाईवे-रनवे प्रयोगों में शामिल रहा।
भारत के अन्य राज्यों में भी विकसित हो रही है हाईवे एयरस्ट्रिप
- राष्ट्रीय राजमार्ग 925A (राजस्थान)
बाड़मेर जिले के गंधव-भाकासर क्षेत्र में स्थित इस 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी का उद्घाटन 2021 में हुआ था। यह देश का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है जिसे आधिकारिक तौर पर वायुसेना की लैंडिंग के लिए विकसित किया गया। यहाँ राफेल, सुखोई और जगुआर विमानों की सफल उड़ानें हो चुकी हैं। - राष्ट्रीय राजमार्ग 16 (ओडिशा)
बालासोर जिले में स्थित NH-16 पर भी एक आपातकालीन लैंडिंग स्ट्रिप बनाई गई है। यह क्षेत्र सामरिक रूप से चांदीपुर और व्हीलर द्वीप जैसे रक्षा केंद्रों के समीप है, और इसलिए भारतीय वायुसेना के अभ्यासों के लिए यह स्थान महत्त्वपूर्ण है।
इस प्रकार भारत में एक्सप्रेसवे और हाईवे का उपयोग केवल यातायात तक सीमित न रहकर अब रक्षा और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बनता जा रहा है।

