नई दिल्ली – केपी शर्मा ओली और उनके मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के बीच 10 बार हुई बातचीत बेनतीजा रही। अब प्रचंड का रुख बेहद सख्त नजर आ रहा है। प्रचंड ने अपने समर्थकों से साफ कह दिया है कि उन्हें बुरे वक्त के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि, यह साफ नहीं है कि प्रचंड के बयान के मायने क्या हैं।
प्रचंड की मांग है कि ओली या तो प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें या फिर पार्टी अध्यक्ष छोड़ें। प्रचंड के साथ एनसीपी के कई नेता भी यही मांग कर रहे हैं। हालात ये हैं कि ओली पार्टी की स्टैंडिग कमेटी की मीटिंग बुलाने से भी बच रहे हैं। क्योंकि, उन्हें वहां उनके विरोधियों की तादाद काफी ज्यादा है। अब तक सात बार इस मीटिंग को किसी न किसी बहाने से टाला जा चुका है। ओली दोनों में से कोई पद नहीं छोड़ना चाहते। अगर वे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देते हैं तो पावर चला जाएगा और पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ते हैं तो प्रचंड उस पर काबिज हो जाएंगे।