
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हाल ही में हुई बातचीत के परिणामस्वरूप दोनों देशों ने संघर्ष विराम समझौते पर सहमति जताई है। इस निर्णय का स्वागत करते हुए जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और कहा कि सरकार जल्द से जल्द नुकसान का आंकलन करेगी और प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए कदम उठाएगी।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “संघर्ष विराम का स्वागत करते हुए मैं यह कहता हूं कि यदि यह कुछ दिन पहले हुआ होता, तो कई निर्दोष लोगों की जान नहीं जाती। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ से संपर्क किया और संघर्ष विराम लागू हुआ। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करें और राहत पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू करें। जहां लोग घायल हुए हैं, उन्हें उचित इलाज मिले और राहत कार्य तेजी से चलें। आग से हुए नुकसान का भी आकलन किया जाएगा। जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नुकसान का आंकलन जल्द से जल्द करें ताकि राहत कार्य शुरू किया जा सके। इसके अलावा, हमारे एयरपोर्ट पर जो हालात बने हुए थे, अब संघर्ष विराम के बाद हम उम्मीद करते हैं कि यह फिर से शुरू हो जाएगा।”
संघर्ष विराम का प्रभाव सीमावर्ती क्षेत्रों में देखा जा रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच यह निर्णय दोनों देशों के सीमा पर स्थित नागरिकों के लिए राहत का कारण बना है। भारत सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में लगाए गए ब्लैकआउट को हटा लिया है, जिससे लोग अब अपने सामान्य जीवन में लौट सकते हैं और बाहर कामकाजी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। अब किसी को भी हवाई हमलों का डर नहीं है। पाकिस्तान ने संघर्ष के दौरान कई क्षेत्रों में नागरिकों को निशाना बनाया था, लेकिन भारतीय रक्षा तंत्र ने सभी हवाई हमलों को नाकाम कर दिया था। हालांकि, गोलीबारी के कारण कई लोगों की जानें गईं और कई लोग घायल भी हुए थे। अब इन इलाकों के लोग राहत महसूस कर रहे हैं।