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आतंकवाद को लेकर भारत के विचारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामने रखेंगे सांसद, कांग्रेस की भागीदारी भी तय

नई दिल्ली: सीमा पार से हो रहे आतंकवाद की गंभीर चुनौती का सामना कर रहे भारत ने अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत सरकार एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में भेजने की योजना बना रही है। खास बात यह है कि इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस पार्टी भी भाग लेगी। कांग्रेस ने पुष्टि की है कि वह इस पहल में शामिल होगी। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस की जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष से बातचीत की है।

इस अंतरराष्ट्रीय पहल का मुख्य उद्देश्य भारत को सीमा पार आतंकवाद का पीड़ित देश बताते हुए वैश्विक समुदाय को वास्तविकता से अवगत कराना है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार जल्द ही सांसदों के समूह को विभिन्न देशों की यात्रा पर भेज सकती है। यह कदम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक संबंधों को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाए जाने की कोशिशों को रोकने की दिशा में उठाया गया माना जा रहा है।

राजनयिक मिशनों की भी होगी भागीदारी

इस मुहिम को सफल बनाने के लिए विदेश मंत्रालय, अन्य विभागों और भारतीय दूतावासों की भी भागीदारी होगी। इन संस्थाओं द्वारा सांसदों को दिए जाने वाले संवाद बिंदु तैयार किए जा रहे हैं, ताकि वे विदेशों में भारत का पक्ष मजबूती से रख सकें। पहली बार ऐसा हो रहा है कि भारत सरकार की तरफ से विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों को आतंकवाद पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए विदेशों में भेजा जाएगा।

ऑपरेशन सिंदूर की भी होगी जानकारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सांसद अपने दौरे में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसमें पाकिस्तान की भूमिका पर प्रकाश डालेंगे। वे यह भी बताएंगे कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ट्रेनिंग कैंप किस तरह से भारत में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके अलावा, वे यह भी स्पष्ट करेंगे कि भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जबकि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों पर जवाबी हमला किया

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