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चौंकाने वाला खुलासा : दिल्ली से ISI के लिए जासूसी कर रहा था दानिश

ताजा जानकारी में बड़ा खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान हाई कमीशन में कार्यरत दानिश, असल में एहसान-उर-रहमान उर्फ दानिश, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट था। यह सामने आया है कि दानिश को इस्लामाबाद में ISI की पोस्टिंग मिली थी और उसका पासपोर्ट भी वहीं से जारी हुआ था।

भारत आने के लिए दानिश को 21 जनवरी 2022 को वीजा जारी किया गया था। भारत में ISI की साजिश के तहत, पाकिस्तानी एजेंटों को दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन में अलग-अलग पदों पर तैनात किया जाता है। इसका मकसद होता है वीजा के लिए आने वाले भारतीय नागरिकों, खासतौर पर सोशल मीडिया पर एक्टिव लोगों से मेलजोल बढ़ाना। फिर उन्हें ब्लैकमेल, हनी ट्रैप, या पैसों का लालच देकर भारत के खिलाफ जासूसी करने को मजबूर किया जाता है।

भारत इससे पहले भी पाकिस्तान के ऐसे कदमों का विरोध करता रहा है, जहां ISI एजेंटों को भारत में राजनयिक आवरण के तहत भेजा जाता है।

ज्योति मल्होत्रा ने पूछताछ के दौरान अपने बयान में स्वीकार किया कि वह दानिश के लगातार संपर्क में थी। उसने बताया कि 2023 में पाकिस्तान जाने के लिए वीजा बनवाने वह पाकिस्तान हाई कमीशन, दिल्ली गई थी, जहां उसकी मुलाकात दानिश से हुई। इसके बाद वह उसके संपर्क में आ गई और बातचीत शुरू हो गई।

ज्योति ने बताया कि दानिश के कहने पर ही उसने दो बार पाकिस्तान की यात्रा की थी। पाकिस्तान में वह अली हसन से मिली, जिसने वहां उसके रुकने और घूमने का इंतज़ाम किया था। अली हसन ने ही उसकी मुलाकात पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से करवाई। वहीं उसकी शाकिर और राणा शहबाज नाम के लोगों से भी भेंट हुई।

यह पूरा मामला पाकिस्तान की ISI की एक गहरी साजिश को उजागर करता है, जिसमें भारत के नागरिकों को निशाना बनाकर खुफिया जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाती है।

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