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ब्रह्मोस से 13 गुना अधिक रेंज वाली मिसाइल,चीन और पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी।

नई दिल्ली: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। बैसरन घाटी में निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई—सिर्फ धर्म के आधार पर। यह हादसा ऐसा था जिसने न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया को भी स्तब्ध कर दिया। जिन महिलाओं के हाथों की मेंहदी अभी सूखी भी नहीं थी, वे विधवा बना दी गईं।

इस क्रूर हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुले शब्दों में कहा कि इस अमानवीय कृत्य के जिम्मेदार आतंकियों और उन्हें सहारा देने वालों को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इसके बाद भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” का आरंभ किया, जिसने मात्र 23 मिनट में पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त कर दिया।

इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन भारत ने सटीक और सशक्त जवाब देते हुए पाकिस्तानी सेना के मंसूबों को नाकाम कर दिया। भारतीय वायुसेना ने पलटवार करते हुए पाकिस्तान के 11 एयरबेस को एक ही झटके में नेस्तनाबूद कर दिया। इससे घबराकर पाकिस्तान को युद्धविराम की अपील करनी पड़ी।

भारत द्वारा प्रयोग की गई ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ने पाकिस्तान को ऐसा गहरा आघात पहुंचाया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अब तक उसकी गूंज नहीं भूल पाए हैं। और ये हाल तब है, जब भारत ने अभी तक अपने सबसे शक्तिशाली हथियार—‘ब्रह्मास्त्र’—का इस्तेमाल ही नहीं किया है।

भारत ने अपनी मिसाइल शक्ति को एक नए स्तर पर पहुंचाया है। डीआरडीओ द्वारा विकसित अग्नि-V मिसाइल एक अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जो पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 5,000 से लेकर संभावित रूप से 7,000 किलोमीटर तक मानी जाती है। इस मिसाइल में “मिसाइल बस” तकनीक है, जिससे यह एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 11 मार्च 2024 को घोषणा की कि भारत ने अग्नि-V का सफल परीक्षण MIRV तकनीक के साथ किया है। MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) का मतलब है कि एक ही मिसाइल कई परमाणु वॉरहेड लेकर अलग-अलग स्थानों पर हमला कर सकती है। यह टेक्नोलॉजी अब तक अमेरिका, रूस और चीन जैसे सीमित देशों के पास थी।

ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, बल्कि चीन जैसे देशों को भी सावधान कर दिया। इस ऑपरेशन में भारत के ब्रह्मोस, अग्नि-V, तेजस, और अन्य उन्नत हथियारों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों तक ने भारत की इस रणनीति और सैन्य क्षमता की सराहना की।

भविष्य में अग्नि सीरीज़ की मिसाइलों की रेंज को 10,000 से 12,000 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना भी बन रही है, जिससे भारत की सामरिक क्षमता और अधिक सशक्त होगी।

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