लखनऊ – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा कि “राजस्व सिर्फ आंकड़ा नहीं, विकास की नींव है।” बैठक में उन्होंने टैक्स चोरी और शेल कंपनियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। सीएम ने फिजिकल वेरिफिकेशन को जरूरी बताते हुए नई कंपनियों की जांच पर भी जोर दिया। अप्रैल-मई में राज्य को 18,161.59 करोड़ की वसूली मिली, जो निर्धारित लक्ष्य की ओर एक अच्छा संकेत है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह कहकर एक सटीक संदेश दिया है कि टैक्स चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है। आज जब देश और राज्य अपने संसाधनों के बल पर कल्याणकारी योजनाएं चला रहे हैं, ऐसे में टैक्स चोरी या फर्जी कंपनियों की भूमिका न सिर्फ अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह राष्ट्र विरोधी भी मानी जानी चाहिए। सरकार का यह कदम स्वागतयोग्य है कि ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक में जो तथ्य सामने आए, वह साफ दर्शाते हैं कि राज्य का कर ढांचा मजबूत हो रहा है, लेकिन यह समान रूप से नहीं है। जहां लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर जैसे ज़ोन 60% से अधिक टैक्स कलेक्शन कर रहे हैं, वहीं कानपुर-2, अलीगढ़, मुरादाबाद जैसे ज़ोन 50% से नीचे हैं। यह असमानता बताती है कि या तो संसाधनों की कमी है या फिर अधिकारी लापरवाह हैं।
रिपोर्ट – जितेश अवस्थी

