कभी-कभी ज़िंदगी ऐसे संयोग रच देती है जो कल्पना से परे होते हैं। अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसा और 27 साल पुराना थाई एयरवेज क्रैश– दोनों त्रासदियाँ थीं, लेकिन दोनों में एक समानता है जिसने सबको अचंभित कर दिया। दोनों हादसों में सिर्फ एक व्यक्ति जीवित बचा — और दोनों बार वो व्यक्ति प्लेन की 11A सीट पर बैठा था।
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 जिसमें कुल 242 लोग सवार थे, वह गुजरात के अहमदाबाद में क्रैश हो गई। इस दिल दहला देने वाले हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई। लेकिन चमत्कारिक रूप से 11A सीट पर बैठे विश्वास कुमार रमेश ज़िंदा बच गए। वे खुद विमान के मलबे से अपने पैरों पर चलकर बाहर निकले, जबकि हर तरफ सिर्फ तबाही थी। साल 1998, स्थान — सूरत थानी, थाईलैंड।
थाई एयरवेज की फ्लाइट TG261 बैंकॉक से उड़कर साउथ थाईलैंड आ रही थी। लैंडिंग के वक्त तकनीकी दिक्कत के कारण विमान क्रैश हो गया। उस विमान में 146 लोग सवार थे, जिनमें 101 लोगों की मौत हो गई। मगर जीवित बचे लोगों में एक नाम था — जेम्स रुआंगसाक लोयचुसाक, जो थाईलैंड के प्रसिद्ध एक्टर और सिंगर हैं। और हैरानी की बात यह थी कि वे भी सीट 11A पर बैठे थे।
जब लोयचुसाक ने भारतीय विमान हादसे और 11A सीट पर बैठे व्यक्ति के ज़िंदा बचने की खबर सुनी, तो वे हैरान रह गए। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट कर इस संयोग को साझा किया।
उन्होंने लिखा कि यह केवल एक इत्तेफाक हो सकता है, लेकिन इसने उन्हें 1998 की भयावह रात की याद दिला दी, जब वो भी मौत से बच निकले थे।
हालांकि दोनों हादसों में विमान अलग थे
थाई एयरवेज का विमान Airbus A310 था,
जबकि एयर इंडिया की फ्लाइट थी Boeing 787-8 Dreamliner
इन दोनों विमानों की 11A सीट की संरचना और पोजिशन भले अलग हो, लेकिन इस अद्भुत संयोग ने एक बार फिर ज़िंदगी की उम्मीद को सबसे ऊपर रख दिया।
थाई हादसे में कुछ लोग ज़िंदा बचे थे, लेकिन अहमदाबाद त्रासदी में सिर्फ एकमात्र जीवित व्यक्ति विश्वास कुमार रमेश ही थे। और वो भी उसी सीट पर, जिस पर 27 साल पहले किसी और ने मौत को मात दी थी। 11A अब सिर्फ एक सीट नहीं, बल्कि एक कहानी है — ज़िंदगी की, चमत्कार की और उम्मीद की।
क्या यह केवल संयोग है या फिर कुछ और? इसका जवाब शायद कभी न मिले, लेकिन यह कहानी निश्चित रूप से इंसानियत को हैरान करने के लिए काफी है।

