एयर इंडिया के विमान हादसे को दो हफ्ते से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन इसकी वजह अब भी पूरी तरह साफ नहीं हुई है. हादसे में 242 लोगों में से सिर्फ एक ही बच पाया, बाकी सभी की मौत हो गई थी. अब जांच में यह बात सामने आ रही है कि हादसे की एक बड़ी वजह दोनों इंजनों का फेल होना हो सकता है.
जांचकर्ताओं और एयर इंडिया के पायलटों ने सिम्युलेटर में उस हादसे की परिस्थितियों को दोहराया. इसमें उन्होंने देखा कि क्या लैंडिंग गियर खुले होने और फ्लैप्स बंद होने से विमान गिर सकता है, लेकिन सिम्युलेटर टेस्ट में पाया गया कि सिर्फ इन कारणों से विमान नहीं गिरता.
हादसे से ठीक पहले विमान में इमरजेंसी पावर टरबाइन (RAT) अपने आप एक्टिव हो गया था. यह सिस्टम तभी ऑन होता है जब विमान के दोनों इंजन काम करना बंद कर देते हैं. इससे यह शक और गहरा गया है कि हादसे के वक्त विमान में बिजली की पूरी सप्लाई बंद हो गई थी. एयर इंडिया के पायलटों ने उसी विमान जैसी स्थितियों को सिम्युलेटर पर दोहराया. जांच में पाया गया कि सिर्फ लैंडिंग गियर बाहर होने और विंग फ्लैप्स बंद होने से विमान क्रैश नहीं कर सकता. इससे संकेत मिला कि इंजन या बिजली व्यवस्था में तकनीकी गड़बड़ी हुई थी.
वीडियो फुटेज से पता चला कि टेकऑफ के तुरंत बाद ही विमान ऊंचाई नहीं पकड़ पाया और नीचे गिर गया. सिम्युलेटर टेस्ट से पता चला कि लैंडिंग गियर आधा मुड़ा हुआ था लेकिन उसके दरवाजे खुले नहीं थे, जो कि हाइड्रोलिक फेलियर या बिजली की सप्लाई रुकने की ओर इशारा करता है.
अभी तक AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) और एयर इंडिया ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक हादसे की वजह अब तकनीकी फेलियर की ओर मुड़ गई है. ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट रिकॉर्डर) के डेटा की जांच अभी जारी है.

