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हाईकोर्ट में प्राइमरी स्कूलों के विलय के खिलाफ नई याचिका दायर, मर्जर के निर्णय को चुनौती।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार की प्राइमरी स्कूलों के मर्जर नीति के खिलाफ याचिका दायर की गई है। पीलीभीत के बिलसंडा ब्लॉक के चांदपुर गांव के निवासी सुभाष, यशपाल यादव और अत्येंद्र कुमार ने इस नीति को चुनौती दी है। उनका तर्क है कि स्कूलों के विलय से ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

इस मामले की सुनवाई अगले कुछ दिनों में कोर्ट में हो सकती है।याचिकाकर्ताओं ने यूपी सरकार की स्कूल पेयरिंग नीति को रद्द करने की मांग की है। याचिका में राज्य सरकार, स्कूल शिक्षा के महानिदेशक, बेसिक शिक्षा निदेशक, बेसिक शिक्षा बोर्ड (प्रयागराज), पीलीभीत के क्षेत्रीय सहायक शिक्षा निदेशक, जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और बिलसंडा के खंड शिक्षा अधिकारी को प्रतिवादी बनाया गया है।

याचिका में बेसिक शिक्षा विभाग के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें छात्रों की संख्या के आधार पर प्राथमिक स्कूलों को उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने का निर्णय लिया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह नीति बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन करती है और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा की उपलब्धता को सीमित करती है।

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