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BJP विधायक की मांग: ‘धर्मांतरण भारत के अस्तित्व पर हमला’, केंद्र से सख्त कानून की अपील

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के खुलासे ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। इस गंभीर मुद्दे को लेकर लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक राजेश्वर सिंह ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर धर्मांतरण के खिलाफ सशक्त राष्ट्रीय कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने इसे भारत की सभ्यता, सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है

राजेश्वर सिंह ने अपने पत्र में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को संबोधित करते हुए कहा कि अवैध धर्मांतरण भारत के अस्तित्व पर सीधा हमला है। उन्होंने लिखा, “धर्मांतरण एक बढ़ता हुआ खतरा है, जो भारतीय सभ्यता की पहचान, सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करता है। जबरदस्ती, धोखे, लालच या वैवाहिक छल के जरिए संगठित रूप से अवैध धर्मांतरण किए जा रहे हैं।” उन्होंने उत्तर प्रदेश में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के धर्मांतरण गिरोह और आगरा में आईएसआईएस से जुड़े मॉड्यूल का जिक्र करते हुए इन गतिविधियों की भयावहता को रेखांकित किया

बीजेपी विधायक ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि धर्मांतरण की आड़ में गरीब हिंदू, अनुसूचित जाति और आदिवासी समाज की लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने लिखा, “यह कोई छिटपुट घटना नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक जड़ों और बेटियों की गरिमा पर सुनियोजित, वित्त पोषित और वैचारिक हमला है। दान, शादी या समाज सेवा के नाम पर हजारों लड़कियों को लालच देकर या बरगलाकर धर्मांतरण कराया जा रहा है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन गतिविधियों में विदेशी फंडिंग और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की भूमिका है, जो धर्मांतरण के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराते हैं।

राजेश्वर सिंह ने कहा कि हालांकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ कानून मौजूद हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एक समान कानूनी ढांचे की कमी के कारण इन नेटवर्कों का दायरा सीमित नहीं हो पा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि धर्मांतरण से जुड़े मामलों में जिला मजिस्ट्रेट को पूर्व और बाद में सूचना देना अनिवार्य हो, साथ ही वैवाहिक धर्मांतरण की न्यायिक जांच हो। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय धर्मांतरण रोधी प्राधिकरण के गठन, एनआईए को विदेशी फंडिंग या आतंकी कनेक्शन वाले मामलों की जांच का अधिकार देने और पीड़ितों के लिए तत्काल बचाव व कानूनी सहायता की व्यवस्था की मांग की।

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