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भारत-यूके FTA: छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ ऐतिहासिक डील, कार से व्हिस्की तक सस्ती, निर्यात और रोजगार को बढ़ावा

भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) दोनों देशों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह समझौता, जो 6 मई 2025 को अंतिम रूप दिया गया और 24 जुलाई 2025 को हस्ताक्षरित हुआ, दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। आइए, इस डील के प्रमुख फायदों और प्रभावों को विस्तार से समझते हैं:

भारत के लिए प्रमुख फायदे
99% भारतीय निर्यात पर शून्य टैरिफ- इस समझौते के तहत, 99% भारतीय निर्यात, जैसे टेक्सटाइल, समुद्री उत्पाद, लेदर, जूते, खिलौने, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, ऑटो पार्ट्स और ऑर्गेनिक केमिकल्स, को यूके में शून्य टैरिफ के साथ बाजार में प्रवेश मिलेगा।

वर्तमान में कपड़ों पर 12%, केमिकल्स पर 8%, और बेस मेटल पर 10% टैरिफ लगता है, जो अब हट जाएगा, जिससे भारतीय निर्यातक अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे। भारतीय कृषि उत्पादों और प्रोसेस्ड फूड इंडस्ट्री को यूके में नए अवसर मिलेंगे, जिससे किसानों, मछुआरों और MSME क्षेत्र को विशेष लाभ होगा।रोजगार सृजन और श्रम-केंद्रित क्षेत्रों को बढ़ावा

डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन (DCC) के तहत, भारतीय पेशेवरों को यूके में तीन साल तक नेशनल इंश्योरेंस कॉन्ट्रिब्यूशन (NIC) से छूट मिलेगी, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए लागत कम होगी। यह छूट ब्रिटिश कर्मचारियों को भारत में भी लागू होगी, जिससे पारस्परिक लाभ सुनिश्चित होगा।

भारत ने 2030 तक 250 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग निर्यात का लक्ष्य रखा है, जिसे यह डील समर्थन देगी।

वही उपभोक्ताओं के लिए सस्ते उत्पाद जैसे यूके से आयातित सामान, जैसे मेडिकल डिवाइसेज, एयरोस्पेस पार्ट्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, चॉकलेट और बिस्किट, पर आयात शुल्क कम होने से भारतीय उपभोक्ताओं को ये उत्पाद सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे।

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