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स्कूलों के विलय से समाप्त नहीं होगा शिक्षकों का कोई भी पद – संदीप सिंह

उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राथमिक स्कूलों के ‘आवश्यकतानुसार’ मर्जर को लेकर उठ रहे विवादों के बीच बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में किसी भी शिक्षक का पद समाप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मर्जर का उद्देश्य छात्रों के हित में है और यदि मर्जर से बच्चों को स्कूल आने-जाने में असुविधा होती है, खासकर एक किलोमीटर से अधिक दूरी या भौगोलिक समस्याओं के कारण, तो 50 से कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों का भी विलय नहीं किया जाएगा।

ऐसे स्कूलों को पूर्ववत रखा जाएगा।मंत्री ने बताया कि मर्जर प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी हो जाएगी और खाली हुए स्कूल भवनों में ‘बाल वाटिकाएं’ स्थापित की जाएंगी, ताकि प्री-प्राइमरी शिक्षा की जरूरतें पूरी हो सकें। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र-शिक्षक अनुपात बनाए रखने के लिए आवश्यकता पड़ने पर नए शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।

संदीप सिंह ने विपक्ष, खासकर समाजवादी पार्टी, पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले प्राथमिक स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था, जिसके कारण अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने से हिचकते थे। उन्होंने बताया कि शिक्षण सत्र 2025-26 में 27 लाख 53 हजार 394 नए बच्चों का नामांकन हुआ है, जो सरकार के शिक्षा सुधार के प्रयासों को दर्शाता है।सभी 1,32,886 परिषदीय विद्यालय अपने यूडाइस कोड के साथ संचालित रहेंगे, और मर्जर की प्रक्रिया में बच्चों की सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी।

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