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जम्मू-कश्मीर में 25 किताबों पर बैन: क्या है वजह, किन लेखकों की रचनाएं शामिल?

6 अगस्त 2025 को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक गंभीर निर्णय लेते हुए 25 किताबों को प्रतिबंधित (forfeited) घोषित कर दिया। सरकार का कहना है कि ये किताबें झूठे आख्यान, अलगाववाद, और आतंकवाद का महिमामंडन करती हैं — जो राज्य और राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए खतरा हैं।

यह प्रतिबंध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) 2023 की धारा 98 (1) के तहत लगाया गया है, जो कहती है:
“यदि कोई सामग्री भारत की संप्रभुता, एकता, अखंडता, सुरक्षा या राष्ट्र विरोधी विचारों को बढ़ावा देती है, तो राज्य सरकार उसे जब्त और प्रतिबंधित कर सकती है।”

सरकार का कहना है कि इन पुस्तकों के ज़रिये “देश विरोधी और उग्र विचार” फैलाए जा रहे थे, जो युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेल सकते हैं।
कौन-कौन सी किताबें बैन हुई हैं?
बैन की गई किताबों में कई चर्चित भारतीय और विदेशी लेखकों की रचनाएं शामिल हैं, जो जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक इतिहास, मानवाधिकार, और अनुच्छेद 370 के हटने के बाद के हालात पर आधारित हैं।

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