रूस के खिलाफ जारी सख़्त पाबंदियों और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बढ़ती तनातनी के माहौल में अमेरिका ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है। वॉशिंगटन ने विशेष परिस्थितियों में हीरे से जुड़ी एक अहम डील को मंजूरी दे दी है।
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका ने रूस से सीधे नहीं बल्कि तीसरे देशों के ज़रिए आने वाले हीरों पर लगी पाबंदियों में आंशिक ढील दी है। दरअसल, रूस दुनिया के सबसे बड़े डायमंड उत्पादक देश अलरोसा (Alrosa) का घर है और हीरे का वैश्विक सप्लाई-चेन काफी जटिल है। यदि इस पर पूरी तरह रोक लगाई जाती तो अंतरराष्ट्रीय ज्वेलरी बाज़ार व अमेरिकी रिटेल इंडस्ट्री को भारी झटका लग सकता था।
अमेरिकी प्रशासन का तर्क है कि यह फैसला रूस को फायदा पहुँचाने के लिए नहीं बल्कि वैश्विक मार्केट को अचानक झटके से बचाने के लिए लिया गया। हालांकि व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि “रूस पर ऊर्जा, रक्षा और वित्तीय क्षेत्रों में लगाई गईं सख़्त पाबंदियाँ जारी रहेंगी।”
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मंजूरी आर्थिक और रणनीतिक विवशताओं का परिणाम है, क्योंकि अमेरिका और यूरोप दोनों रूस पर दबाव बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन साथ ही अपनी घरेलू इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं पर नकारात्मक असर से बचना भी ज़रूरी है।
रूस के खिलाफ पश्चिमी मोर्चे की रणनीति अब दोहरी चुनौती का सामना कर रही है—एक ओर पुतिन पर दबाव बनाए रखना और दूसरी ओर वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता से बचना।

