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Homebound Review: 2025 की सबसे कमाल फिल्म, ऑस्कर के लिए काबिल! ईशान खट्टर और विशाल जेठवा ने दिलाई इरफान और केके मेनन की याद l

निर्देशक नीरज घायवान की फिल्म ‘होमबाउंड’ 2025 की सबसे संजीदा और प्रभावशाली फिल्मों में से एक मानी जा रही है। हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई इस फिल्म ने दुनियाभर के फिल्म फेस्टिवल्स में खूब तारीफें बटोरीं। इसे लेकर आलोचक भी इसे ऑस्कर जैसी प्रतिष्ठित फिल्मी प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त मान रहे हैं।

‘होमबाउंड’ की कहानी दलित और मुस्लिम पृष्ठभूमि से जुड़े दो दोस्तों- मोहम्‍मद शोएब (ईशान खट्टर) और चंदन कुमार (विशाल जेठवा) के संघर्षों और दोस्ती पर आधारित है। फिल्म की पटकथा बशारत पीर की न्यूयॉर्क टाइम्स की लेखनी पर आधारित है, जिसमें लॉकडाउन के दौरान भारतीय प्रवासी मजदूरों की व्यथा को संवेदनशीलता के साथ दर्शाया गया है।

ईशान और विशाल की अभिनय कला फिल्म को जीवंत बनाती है। दोनों ने अपने किरदार को इस कदर प्रभावशाली ढंग से निभाया है कि कई बार दर्शक इरफान खान और केके मेनन जैसे महान अभिनेताओं की याद दिलाते हैं। जाह्नवी कपूर भी प्रमुख भूमिका में हैं, हालांकि उनकी भूमिका सीमित रही, लेकिन उन्होंने अच्छी प्रस्तुति दी है।

नीरज घायवन की निर्देशन शैली फिल्म को एक गहन, संवेदनशील और कई बार क्रूर यथार्थ से रूबरू कराती है। इस फिल्म में जाति, धर्म, वर्ग संघर्ष के साथ ही दोस्ती, उम्मीद और मानवीय रिश्तों की गहराई को भी बड़ी सूक्ष्मता से दिखाया गया है।

फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल में नौं मिनट की स्टैंडिंग ओवेशन मिली थी, वहीं टोरंटो समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इसे सराहा गया। आलोचकों ने इसे एक बहुप्रतीक्षित और एक नई सामाजिक चेतना जगाने वाली फिल्म बताया है।

कुल मिलाकर ‘होमबाउंड’ एक भावनात्मक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण फिल्म है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है। इसने भारतीय सिनेमा में जाति, धर्म और अस्मिता के मामलों को एक नए दृष्टिकोण से पेश किया है।

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