देशभर में आज करवा चौथ का त्योहार बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। सुहागिन महिलाएं सुबह से निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रही हैं। शाम को चांद के दर्शन के बाद अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे शुरू हुई थी और 10 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 38 मिनट तक रहेगी। इसलिए करवा चौथ का व्रत आज ही किया जा रहा है।
करवा चौथ पर हर शहर में चांद निकलने का समय अलग-अलग रहेगा। दिल्ली और नोएडा में चांद रात 8 बजकर 13 मिनट पर दिखाई देगा, जबकि गुरुग्राम में 8 बजकर 14 मिनट पर। मुंबई में चांद 8 बजकर 55 मिनट पर और कोलकाता में 7 बजकर 42 मिनट पर नजर आएगा। लखनऊ और प्रयागराज में चांद करीब 8 बजे दिखेगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि चांद के निकलने से पहले महिलाएं सोलह श्रृंगार कर सजती हैं और पूजा की तैयारी करती हैं।
शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए किया था। तब से यह परंपरा सुहागिन महिलाओं में चलती आ रही है। इस व्रत को विवाहित महिलाओं के साथ-साथ वे युवतियां भी करती हैं जिनका विवाह तय हो चुका होता है। शाम को चांद निकलने के बाद महिलाएं छलनी से चांद को देखकर, फिर पति के दर्शन कर व्रत खोलती हैं।
अगर किसी कारण से व्रत टूट जाए तो इसे छिपाने की बजाय सच्चाई से स्वीकार करना चाहिए। रात को भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और करवा माता की पूजा विधिवत करनी चाहिए। अगली सुबह जरूरतमंद महिलाओं को श्रृंगार सामग्री या भोजन दान देने से व्रत का फल पूर्ण माना जाता है।
करवा चौथ का यह पर्व न केवल पति-पत्नी के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है बल्कि यह भारतीय संस्कृति की उस भावना को भी दर्शाता है जहां समर्पण, आस्था और एक-दूसरे के प्रति सच्चा प्रेम सर्वोपरि होता है।

