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जयपुर के स्कूल में खौफनाक मामला: 7 साल की बच्ची से टॉयलेट में दुष्कर्म का प्रयास, आरोपी गिरफ्तार l

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक सरकारी स्कूल के टॉयलेट में करीब 7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया। यह घटना शनिवार की सुबह उस समय हुई जब बच्ची शौचालय जाने के बहाने स्कूल में गई। जैसे ही बच्ची टॉयलेट पहुँची, वहां पहले से छुपा आरोपी युवक उसे पकड़कर गंदी हरकतें करने लगा.​
घटना की जानकारी मिलते ही स्कूल स्टाफ मौके पर पहुंचा, जिन्होंने आरोपी को दबोच लिया। इसके बाद पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी युवक का नाम अनिल बताया जा रहा है, जो स्कूल की दीवार फांदकर घुसा था और बाथरूम में छिपा बैठा था। मेडिकल जांच के साथ ही पुलिस उसकी गिरफ्तारी और पूछताछ में लगी है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया है और राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बच्चे अब पूरी तरह असुरक्षित हैं और सरकार बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं प्रदेश में कानून के खत्म होते इकबाल का प्रमाण हैं.​
यह घटना जयपुर के गांधी नगर इलाके के एक सरकारी स्कूल की है, जहां आरोपी ने टॉयलेट में घुसकर बच्ची का शिकार किया। किसी तरह की परेशानी से डरी-डरी बच्ची ने अपने परिजनों को घटना के बारे में बताया, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर शारीरिक और मेडिकल जांच कराई, जबकि बच्ची की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है।
इस घटना ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है। बच्चों की सुरक्षा का मामला राष्ट्रीय और सामाजिक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय है। इस घटना के बाद स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था को जितना मजबूत किया जाए, उतना ही अच्छा है ताकि भविष्य में ऐसी घिनौनी वारदातें न हो सकें।
यह खौफनाक घटना एक बार फिर से यह साबित कर चुकी है कि बच्चों की सुरक्षा के दावे कितने भी बड़े क्यों न हों, असल में यह कारगर नहीं हैं अगर शिक्षक, प्रशासन और पुलिस समुचित कदम नहीं उठाते। प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम लागू करें और बच्चों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस घटना ने पूरे समाज को चिंता में डाल दिया है कि सरकार और समाज दोनों को मिलकर बच्चों के हित में तेज कार्रवाई करनी होगी।
यह मामला न्याय की मांग कर रहा है और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद जगी है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी। बच्चों की सुरक्षा हर समाज की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

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