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Rama Ekadashi 2025: रमा एकादशी व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं? जानिए व्रत नियम l

रमा एकादशी हिन्दू धर्म में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है, जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित पवित्र व्रत माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है। साल 2025 में रमा एकादशी 17 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जबकि पारण (व्रत तोड़ने) का समय 18 अक्टूबर की सुबह 6:24 से 8:41 बजे के बीच है। इसे दिवाली से ठीक पहले का व्रत माना जाता है, इसलिए इस व्रत का खास महत्व है।

व्रत रखने वाले को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, स्वच्छ और शुद्ध वस्त्र पहनने चाहिए।

श्री सूक्त का पाठ करना शुभ माना जाता है।

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।

व्रत के दिन ब्रह्म योग और विजय योग बन रहे होते हैं, जिससे व्रत का फल अत्यंत शुभ होता है।

रमा एकादशी पर पूरी श्रद्धा और भक्ति से पूजा करने से अनजाने में हुए पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस दिन पूरी तरह से निर्जला व्रत रखना श्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन जो निर्जला व्रत नहीं रख पाते वे निम्नलिखित आहारों का सेवन कर सकते हैं।

सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, और राजगीरे के आटे से बनी पूड़ी, पराठा या पकौड़ी खाई जा सकती है।

दूध, दही, घी, पनीर, और छाछ जैसी डेयरी उत्पादों का सेवन किया जा सकता है।

फलाहार जैसे केले, सेब, नाशपाती आदि खा सकते हैं।

नमक, हल्दी, और सेंधा नमक उपयोग में लाया जा सकता है।

व्रत में तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, अंडा, प्याज, लहसुन, और अधिक मसालेदार या भारी भोजन से बचना चाहिए।

तम्बाकू, शराब या किसी भी नशीले पदार्थ से पूरी तरह बचना चाहिए।

मांसाहारी भोजन, प्याज, लहसुन, और कड़ा मसाले वाला भोजन वर्जित है।

अनाज (गेहूं, चावल) आदि व्रत में नहीं खाना चाहिए।

तेल व मसालेदार पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

रमा एकादशी व्रत करने से घर में समृद्धि, धन और सुख-शांति बनी रहती है। इसे करने वाले भक्तों को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति दिलाने वाला और अनेक अश्वमेध यज्ञ के समान फलदायक माना जाता है।

रमा एकादशी 2025 का व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा। यह व्रत न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि व्यक्ति के शरीर और मन की शुद्धि का भी साधन है। व्रत के नियमों का श्रेष्ठ पालन करते हुए श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करने पर जीवन में सुख, समृद्धि और वैभव का संचार होता है।

रमा एकादशी के दिन उपवास के साथ मंदिरों में विशेष पूजा और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भी संपन्न होते हैं जो इस त्योहार की पावनता को और बढ़ाते हैं। इस बार के शुभ मुहूर्त में व्रत करने से आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ सांसारिक समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।

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