धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक अत्यंत शुभ त्योहार है। यह कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 18 अक्टूबर 2025 को है। माना जाता है कि इसी दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं, इसलिए यह दिन धन, prosperity और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
इस बार पंचांग के अनुसार, धनतेरस की तिथि 18 अक्टूबर, शनिवार, को दोपहर 12:18 बजे से शुरू हो रही है और 19 अक्टूबर को दोपहर 1:51 बजे समाप्त होगी। वहीं, प्रदोष काल (शाम का शुभ समय) 18 अक्टूबर को शाम 07:16 बजे से लेकर 08:20 बजे तक है। इस समय के दौरान भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस बार धनतेरस पर ‘ब्रह्म योग’ का शुभ संयोग बन रहा है, जो देर रात तक रहेगा। यह योग घर में सुख और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। विशेषकर, शाम के समय भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से घर में खुशहाली, ऐश्वर्य और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। पूजा का सही समय दोपहर 07:16 से 08:20 के बीच है।
धनतेरस पर सोना-चांदी, बर्तन, गृहस्थी का घरेलू सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, प्रापर्टी, वाहन, नकदी और जरूरी वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन इन चीजों की खरीदारी करने से घर में धन-समृद्धि और सुख-शांति आती है। विशेषकर, सोने-चांदी के आभूषण और गृह सजावट के सामान शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन साबू या नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने वाली वस्तुओं से बचना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि अधर्मी या झूठे कारोबार से संबंधित आइटम खरीदना अशुभ हो सकता है। साथ ही, अशुभ समय में कोई बड़ा निवेश या नई परियोजना शुरू करना टाल देना ही बेहतर है।
इस साल धनतेरस का त्योहार 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा और खरीदारी करने से घर में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का वास होता है। महत्वपूर्ण है कि आप इस शुभ दिन पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा कर अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करें।

