उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (Allahabad University) में एक बार फिर छात्र हिंसा और रैगिंग का मामला सामने आया है। मंगलवार देर रात KPUC हॉस्टल परिसर में विद्यार्थियों के बीच झगड़ा, मारपीट और बमबाजी की घटना ने परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार को हॉस्टलों का निरीक्षण अभियान चलाया और संदिग्ध छात्रों से पूछताछ शुरू कर दी है।
विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राकेश सिंह ने बताया कि घटना की पूरी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “KPUC हॉस्टल में रैगिंग और हिंसा की सूचना मिलने के बाद तुरंत जांच दल भेजा गया। मंगलवार रात हुई बमबाजी की रिपोर्ट भी हमारे पास आई है। दोनों मामलों में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी छात्र को बख्शा नहीं जाएगा।”
सूत्रों के अनुसार, देर रात हॉस्टल परिसर में दो छात्र समूहों के बीच कहासुनी के बाद विवाद बढ़ गया। देखते ही देखते पत्थरबाजी होने लगी और कुछ असामाजिक तत्वों ने हाथ से बने छोटे बम फेंक दिए, जिससे वातावरण में दहशत फैल गई। हालांकि किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन दीवारों और दरवाजों पर विस्फोट के निशान पाए गए हैं।
घटना के बाद पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर क्षेत्र का निरीक्षण किया और CCTV फुटेज खंगालने का काम शुरू कर दिया है। प्रारंभिक जांच में कुछ छात्रों की पहचान भी की गई है, जो कथित रूप से रैगिंग और हिंसक झगड़े में शामिल थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर सिंह ने आगे कहा, “इलाहाबाद यूनिवर्सिटी परिसर में अनुशासन तोड़ने या रैगिंग जैसी घटनाओं को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह संस्थान शिक्षा और शांति का केंद्र है, न कि हिंसक प्रवृत्तियों का।” उन्होंने कहा कि सभी हॉस्टलों में सख्त निगरानी के आदेश दिए गए हैं और रात्रिकालीन गश्त बढ़ाई जा रही है।
प्रशासन के साथ-साथ विश्वविद्यालय की एंटी-रैगिंग कमेटी भी सक्रिय हो गई है। छात्रों से अपील की गई है कि अगर उन्हें किसी तरह की धमकी या उत्पीड़न का सामना करना पड़े, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों या हेल्पलाइन को सूचित करें।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, जो वर्षों से अपने गौरवशाली इतिहास और छात्र राजनीति के लिए जानी जाती है, पिछले कुछ समय से बार-बार हिंसा और अनुशासनहीनता की घटनाओं के कारण चर्चा में बनी हुई है। स्थानीय छात्रों और अभिभावकों ने प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था और छात्रावास प्रबंधन को लेकर कड़े कदम उठाने की मांग की है।
फिलहाल कैंपस में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन पुलिस और प्रॉक्टोरियल टीम की सतर्क निगाहें सभी संवेदनशील इलाकों पर बनी हुई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि अगर हालात दोबारा बिगड़े, तो कुछ हॉस्टलों को अस्थायी रूप से बंद भी किया जा सकता है।

