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गृह प्रवेश के शुभ-अशुभ मुहूर्त: वास्तु शास्त्र के अनुसार इन 3 दिनों में घर में प्रवेश न करें ताकि धन-धान्य प्रभावित न हो l

गृह प्रवेश के समय तय शास्त्रीय नियमों के अनुसार तिथि, वार और नक्षत्रों का संयोजन काफी मायने रखता है। हाल के Jahrhundों में लोगों द्वारा खरीदे या बने-तुले घरों में प्रवेश के सही मुहूर्त को लेकर न सिर्फ संस्कृति-रिपोर्टों में बल्कि आधुनिक वास्तु-शास्त्र पुस्तकों में भी विशेष स्थान दिया गया है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कुछ खास दिन such as certain weekdays, तिथियाँ और संक्रांतियाँ house के धन-धान्य और समृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं, जबकि कुछ अन्य शुभ मुहूर्त सकारात्मक ऊर्जा और स्थिरता पैदा करते हैं।

अशुभ दिनों की सूची: सप्ताह के कुछ दिन जैसे रविवार, मंगलवार और शनिवार को गृह प्रवेश से बचना बेहतर माना जाता है क्योंकि इन दिनों शुभ ऊर्जा कम रहने के संकेत माने जाते हैं। साथ ही कुछ शास्त्र यह भी मानते हैं कि चंद्र-दिनों के साथ कुछ कभी-कभी अमावस्या या पूर्णिमा के आसपास की तिथियाँ अशुभ मानी जा सकती हैं [कथन-आधारक मार्गदर्शन]।

निषेध तिथियाँ: चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी जैसे तिथियाँ भी सामान्यतः गृह प्रवेश के लिए उपयुक्त नहीं मानी जातीं; ऐसी तिथियाँ घर के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती हैं, ऐसा मानना कुछ ज्योतिषी-गायडेंस में है।

शुभ मुहूर्त के संकेत: कुछ माह जैसे मार्गशीर्ष, कार्तिक, आषाढ़ के भीतर, तथा कुछ नक्षत्र-समय शुभ माने जाते हैं; विवाह, नया घर या व्यापार-प्रवेश जैसे अवसरों के लिए इन्हीं मुहूर्तों पर प्रवेश करना लाभकारी माना गया है।

सुरक्षा और योजना: यदि प्रवेश कुंडली-चक्र के अनुसार हो रहा हो, तोถวาย-पूजन, हवन, और पंच-त्रिकालिक पूजा की सलाह दी जाती है ताकि सकारात्मक ऊर्जा घर में स्थिर रहे और लंबी अवधि तक সুখ-समृद्धि बनी रहे।

व्यावहारिक उपाय: गृह प्रवेश से पहले साफ-सफाई, दूषित वस्तुओं का हटना, नई वस्त्र और कलश-तोरण की सजावट, और प्रवेश-मार्ग पर लाइटिंग-प्रणालियों को सक्षम बनाना आदि कदम उच्चारण में मददगार रहते हैं।

घरेलू-योजना के सुझाव

नक्षा और प्रवेश-मार्ग की तैयारी करें: दिशा-निर्देश अनुसार पूर्व/उत्तर-पूर्व ऋतु के अनुरूप सजावट और साफ-सफाई करें, ताकि ऊर्जा प्रवाह सुचारू हो।

मंदिरिक आयोजन: गृह प्रवेश के अवसर पर छोटे-छोटे पूजा-आयोजन, हवन या दीप-आरती से सकारात्मक ऊर्जा का संचार संभव है।

गलतियों से बचाव: अगर किसी विशिष्ट दिन में प्रवेश की मजबूरी हो तो अपने घर के मुख-देवता के अनुसार वैकल्पिक पथ अपनाएं और साथ में सुरक्षा/आराम-योग पर विशेष ध्यान दें।

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तिथि-वार संभाव्य मुहूर्त,

क्षेत्रीय शैली-उद्धरण और गृह प्रवेश से पहले की तैयारी के कदम,

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