शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है। कहते हैं शनिदेव आपके कर्मों का फल देते हैं। शनिदेव का प्रभाव आपके जीवन में अच्छा हो तो आप बहुत आगे जाएंगे, वहीं शनिदेव का प्रभाव आपके जीवन में गलत पड़ने लगे तो आपका हंसता-खेलता परिवार कब बिखर जाएगा आपको पता भी नहीं चलेगा। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती होती है तो उसे अपनी मंजिल तक पहुंचने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इससे मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय बताते हैं। जिससे शनिदेव प्रसन्न हो जाएंगे और आपको मनचाहा फल देंगे।
प्रत्येक शनिवार के दिन काला तिल, आटा और शक्कर मिलाकर काली चीटियों को खिलाएं। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं, आपको किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आप शनिवार शाम को अपनी मध्यम अंगुली में घोड़े के नाल या नाव की कील से बनी अंगूठी धारण करें।
शनिदेव के बुरे प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए शनिदेव के दस नाम का जाप कम से कम 108 बार करें। ऐसा करने से आपके सभी दुख दूर हो जाएंगे।
\शनिवार के दिन दान करने का भी बहुत ज्यादा महत्व होता है। इस दिन काले तिल, काले कपड़े या फिर उड़द की दाल का दान करें।
शनिवार के दिन हनुमान चलीसा पढ़ना चाहिए। हनुमान जी का पूजन करने से शनि के दोष दूर हो जाते हैं। साथ ही बंदरों को गुड़ और चना खिलाने से भी बहुत फायदा होता है।
इन कामो से होते है शनि देव रुष्ट
माता पिता का अपमान,नौकरों से दुर्व्यवहार , नशा करना,जुआ खेलना,विकलांग व्यक्ति का उपहास उड़ाना ,झूठी गवाही ,चींटी कौवे को मरना