
बांग्लादेश के गाजीपुर में जारी हिंसा और अशांति के मद्देनजर देश की अंतरिम सरकार ने कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए “ऑपरेशन डेविल हंट” शुरू किया है। यह कदम तब उठाया गया जब स्थानीय लोगों और शेख हसीना विरोधी छात्र समूहों के बीच झड़पें बढ़ गईं। साथ ही, हाल ही में देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के धानमंडी स्थित ऐतिहासिक घर पर हमले के बाद सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए यह अभियान छेड़ा है।
क्या है ऑपरेशन डेविल हंट?
गाजीपुर में छात्रों और स्थानीय लोगों के बीच हुई हिंसा के बाद बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने इस ऑपरेशन को शुरू करने का निर्णय लिया। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, शनिवार को कानून-व्यवस्था बलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें गाजीपुर और अन्य क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए एक विशेष अभियान चलाने पर सहमति बनी। इसके तहत, संयुक्त बलों की मदद से हिंसा और आतंक को रोकने के लिए ऑपरेशन डेविल हंट की शुरुआत की गई है। यह अभियान 8 फरवरी से गाजीपुर समेत पूरे देश में लागू किया गया है।
ऑपरेशन का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य मकसद देश में जारी हिंसक घटनाओं, संपत्तियों पर हमले और आंदोलन के नाम पर हो रही तोड़फोड़ को रोकना है। इसके अलावा, इस तरह की घटनाओं में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और कानून-व्यवस्था को बहाल करने में सहयोग देने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने आश्वासन दिया है कि शेख हसीना, उनके परिवार और अवामी लीग पार्टी के नेताओं से जुड़ी संपत्तियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी और किसी भी नागरिक पर अन्यायपूर्ण हमले नहीं होने दिए जाएंगे।
क्यों लिया गया यह फैसला?
गाजीपुर में शुक्रवार को छात्रों द्वारा एक विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक भाषण के खिलाफ “बुलडोजर प्रोग्राम” के नाम से आंदोलन शुरू किया गया था। इस प्रदर्शन के दौरान 15 से अधिक छात्र घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हिंसा उस समय भड़क गई जब प्रदर्शनकारी, लिबरेशन वॉर अफेयर्स मंत्री मोजम्मेल हक के घर की ओर बढ़े। इसी दौरान स्थानीय लोगों ने माइक्रोफोन पर लुटेरों के आने की घोषणा कर दी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।छात्र संगठनों ने इस हमले के खिलाफ एक बड़ी रैली निकालने का फैसला किया था, लेकिन सरकार ने इसे देश में बढ़ती अशांति को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का संकेत माना। इसी के चलते, बांग्लादेश सरकार ने “ऑपरेशन डेविल हंट” को लागू किया, जिससे हिंसा पर जल्द से जल्द नियंत्रण पाया जा सके।