
मुंबई: हीरा कारोबारी और भगोड़े अपराधी मेहुल चोकसी की जब्त संपत्तियों की नीलामी प्रक्रिया ने एक बड़ा मोड़ ले लिया है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने करीब 2,565 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को बेचने की अनुमति दे दी है। इन संपत्तियों की बिक्री से जो भी राशि प्राप्त होगी, उसे प्रभावित बैंकों के नाम पर सावधि जमा (FD) के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि आगे चलकर पीड़ितों को उनका पैसा लौटाया जा सके।
अब तक चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड से जुड़ी संपत्तियों की बिक्री से 125 करोड़ रुपये की राशि वसूल कर पीड़ितों को वापस दी जा चुकी है। इन संपत्तियों में मुंबई के सांताक्रूज इलाके में स्थित छह फ्लैट्स, दो फैक्ट्रियां और एक गोदाम शामिल हैं।
भारत में चोकसी की जब्त की गई संपत्तियां
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2018 में मेहुल चोकसी और उनके ग्रुप की कुल 41 संपत्तियों को जब्त किया था, जिनका कुल मूल्य लगभग ₹1,217.2 करोड़ है। इनमें शामिल हैं:
- मुंबई के विभिन्न इलाकों में 15 फ्लैट्स और 17 ऑफिस स्पेस
- कोलकाता का एक शॉपिंग मॉल
- अलीबाग में 4 एकड़ का फार्म हाउस
- महाराष्ट्र के नासिक, नागपुर, पनवेल और तमिलनाडु के विलुपुरम जिले में कुल 231 एकड़ भूमि
- हैदराबाद के रंगा रेड्डी जिले में स्थित 170 एकड़ का एक औद्योगिक पार्क, जिसकी अनुमानित कीमत ₹500 करोड़ से अधिक है
- मुंबई के बोरीवली (पूर्व) और सांताक्रूज़ (पूर्व) में स्थित कई फ्लैट्स
- सांताक्रूज़ के SEEPZ क्षेत्र में दो फैक्ट्रियां और एक गोदाम
मालाबार हिल स्थित आलीशान फ्लैट भी नीलामी के दायरे में
ईडी ने मुंबई के सबसे महंगे इलाकों में गिने जाने वाले मालाबार हिल में स्थित ‘गोकुल अपार्टमेंट’ के उस डुप्लेक्स फ्लैट को भी जब्त किया है, जहां चोकसी का ठिकाना था। यह फ्लैट इमारत की 9वीं और 10वीं मंजिल पर है, जबकि 11वीं मंजिल पर उसने अवैध निर्माण करवाया था।
इस फ्लैट की हालत अब जर्जर हो चुकी है। दरवाजों और दीवारों पर ईडी, सीबीआई, विभिन्न बैंकों और बीएमसी के नोटिस चिपके हुए हैं। लगभग 7,000 स्क्वायर फीट क्षेत्रफल वाला यह फ्लैट, जिसकी कीमत लगभग ₹70 करोड़ आँकी गई थी, अब खंडहर बन चुका है। फ्लैट से उगे पेड़-पौधे निचली मंजिलों और सोसायटी की दीवारों को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
13,000 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला
मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी पर 2018 में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की ब्रैडी हाउस शाखा से ₹13,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस घोटाले के बाद दोनों देश छोड़कर भाग गए थे, और उनके खिलाफ प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई लगातार जारी है।