भोपाल – अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की तारीख़ और समय पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने इसे अशुभ घड़ी बताया है. सरस्वती ने कहा कि हम राम भक्त हैं, भगवान राम का भव्य मंदिर बनना चाहिए, इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. राजनीति के चलते ही हिन्दुओं के मुद्दे खटाई में पड़ जाते हैं. लेकिन जिस मुहूर्त में शिलान्यास हो रहा है वह घड़ी ठीक नहीं है, अशुभ घड़ी है.
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म के मूल आधार वेद हैं. वेदों के अनुसार किए गए कर्म यज्ञ कहे जाते हैं जो पूर्णतया काल गणना पर आधारित हैं. काल गणना और कालखंड विशेष के शुभ-अशुभ का ज्ञान ज्योतिष शास्त्र से होता है. इसीलिए ज्योतिष को वेदांग कहा गया है. इसीलिए सनातन धर्म प्रत्येक अनुयायी अपने कार्य उत्तम कालखंड में आरंभ करते हैं जिसे शुभ मुहूर्त के नाम से जाना जाता
शंकरचार्य ने कहा कि विदित हो कि 5 अगस्त 2020 को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है. शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह-मंदिरारंभ निषिद्ध है. स्मरण रहे कि काशी में विश्वनाथ मंदिर के आस-पास के मंदिरों को तोड़ते समय भी हमने चेताया था कि यह कार्य पूरे विश्व को समस्या में डालेगा पर बात अनसुनी करने का परिणाम सब लोग देख रहे हैं.

