
मध्य प्रदेश में एक बार फिर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। एक फर्जी वेबसाइट बनाकर स्वास्थ्य विभाग के नाम पर बड़े स्तर पर भर्ती का झांसा दिया गया। शातिर ठगों ने https://e-aushadhimp.co.in/ नाम से एक नकली वेबसाइट तैयार की और सोशल मीडिया पर इसे प्रचारित कर 2972 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए।
इस वेबसाइट पर बाकायदा भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के नाम का इस्तेमाल करते हुए एक फर्जी नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था। उसमें दावा किया गया कि “ई-औषधि एमपी पोर्टल” के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दवा वितरण से संबंधित स्टाफ की भर्ती की जा रही है। आवेदन प्रक्रिया 7 मार्च 2025 से शुरू बताई गई और अंतिम तिथि 6 अप्रैल 2025 रखी गई।
पदों और वेतन का विवरण
इस फर्जी विज्ञापन में बताया गया था कि कुल 2972 पदों पर नियुक्ति की जाएगी, जिनमें:
- स्टोर मैनेजर (पुरुष और महिला): 528 पद
- सहायक स्टोर मैनेजर: 988 पद
- डाटा एंट्री ऑपरेटर: 1456 पद
इन पदों के लिए 26,300 से 34,200 रुपये तक की सैलरी का भी जिक्र किया गया। साथ ही, आयु सीमा 20 से 50 वर्ष निर्धारित की गई थी। आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से स्वीकार किए जाने की बात भी कही गई। फर्जी वेबसाइट के साथ-साथ [email protected] ईमेल आईडी का इस्तेमाल भी किया गया।
15,000 से ज्यादा बेरोजगारों से वसूले ₹500
इस झूठे विज्ञापन के झांसे में आकर अब तक 15,000 से अधिक बेरोजगार युवा ₹500 रजिस्ट्रेशन शुल्क देकर आवेदन कर चुके थे। जब तक विभाग तक यह सूचना पहुंचती, तब तक काफी लोगों को आर्थिक नुकसान हो चुका था।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने इंडिया टीवी से बातचीत में बताया कि सोशल मीडिया पर फर्जी भर्ती का पता चलते ही तुरंत फैक्ट चेक करवाया गया। इसके बाद जनसंपर्क विभाग द्वारा साफ किया गया कि इस प्रकार की कोई वेबसाइट अधिकृत नहीं है, न ही स्वास्थ्य विभाग ने ऐसी किसी भर्ती की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं और संबंधित थाने में एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है।
भरोसा सिर्फ आधिकारिक स्रोतों पर करें
स्वास्थ्य मंत्री ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे केवल मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) और कर्मचारी चयन मंडल द्वारा जारी किए गए विज्ञापनों पर ही भरोसा करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में करीब 10,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है और केवल अधिकृत पोर्टल पर ही आवेदन किया जाना चाहिए।
NSUI का सरकार पर हमला
इस पूरे मामले पर कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने सरकार को जमकर घेरा। संगठन का कहना है कि बेरोजगारी के कारण 15 हजार से ज्यादा युवाओं ने फर्जी विज्ञापन पर भरोसा करके पैसे गंवा दिए, और सरकार तब तक सोती रही। संगठन ने इसे सरकार की असंवेदनशीलता बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
इस घटना ने न केवल बेरोजगार युवाओं की मजबूरी को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर ठगी की जा सकती है।