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बेंगलुरु में 8 साल के मासूम की बेरहमी से हत्या, पड़ोसी ने झील में फेंका शव

बेंगलुरु के परपनअग्रहारा इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक आठ वर्षीय बच्चे रामानंद की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, इस जघन्य वारदात को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि बच्चे का पड़ोसी चन्देस्वर निकला, जिसने आपसी रंजिश के चलते मासूम की जान ले ली।

बताया जा रहा है कि दोनों परिवारों के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा था, जिसकी परिणति इतनी खतरनाक होगी, किसी ने नहीं सोचा था। आरोपी ने पहले बच्चे को अगवा किया, फिर उसकी हत्या कर शव को एक बोरे में भरकर पास की झील में फेंक दिया।

जब रामानंद लापता हुआ तो परिजनों को पड़ोसी पर शक हुआ। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चन्देस्वर को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जहां उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसकी निशानदेही पर झील से बच्चे का शव बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन जांच जारी है।

पुरी, ओडिशा में भी सामने आया था दिल दहला देने वाला मामला

कुछ ही सप्ताह पहले ओडिशा के पुरी ज़िले में एक और रूह कंपा देने वाली घटना हुई थी। डेलंग थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव में एक चाचा ने अपने 11 वर्षीय भतीजे की हत्या कर दी थी। आरोपी ने न सिर्फ उसकी हत्या की, बल्कि उसके शरीर को क्षत-विक्षत कर, शव को सेप्टिक टैंक में छिपा दिया। मृतक बालक, आशीर्वाद साहू, 15 अप्रैल से लापता था। चार दिन बाद उसका शव आरोपी के घर के टैंक से बरामद हुआ।

बच्चों पर बढ़ते अत्याचार कर रहे हैं इंसानियत को शर्मसार

इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या समाज में संवेदना पूरी तरह खत्म हो चुकी है? मासूम बच्चों को निशाना बनाना, वह भी घरेलू विवाद या आपसी रंजिश के कारण, समाज की गंभीर मानसिकता को दर्शाता है।

लोगों की मांग है कि ऐसे मामलों में पुलिस को बेहद सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और न्याय प्रणाली को तेजी से दोषियों को सजा दिलानी चाहिए। साथ ही, सरकार को बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

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