उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र के अवसर पर महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन को समर्पित ‘मिशन शक्ति’ के पाँचवें चरण की शुरुआत की घोषणा की है। यह अभियान 22 सितंबर से शुरू होकर 30 दिनों तक चलेगा।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि वर्ष 2020 से आरंभ मिशन शक्ति ने अब तक महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। चार चरण पूरे करने के बाद, अब पाँचवां चरण और भी व्यापक स्वरूप में संचालित किया जाएगा।
पुलिस व्यवस्था होगी और सख्त
- सीएम योगी ने निर्देश दिए कि इस चरण में विभागीय समन्वय के साथ विस्तृत कार्यक्रम चलाए जाएँ।
- पुलिस की फुट पेट्रोलिंग को और प्रभावी बनाया जाए।
- पीआरवी-112 की गाड़ियाँ लगातार सड़कों पर सक्रिय रहें।
- वरिष्ठ अधिकारी (जोनल एडीजी, आईजी, डीआईजी) स्वयं फील्ड में जाकर जनता से संवाद करें और गश्त में शामिल हों।
सीएम ने कहा, “आमजन को यह भरोसा होना चाहिए कि सरकार और प्रशासन 24×7 उनकी सुरक्षा के लिए तत्पर है। वहीं अपराधियों को यह भय महसूस होना चाहिए कि वे किसी भी सूरत में कानून से बच नहीं पाएँगे।”
महिला बीट पुलिस पहुँचेगी हर गाँव और वार्ड तक
वर्तमान समय में प्रदेश में 44,177 महिला पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि 30 दिनों के भीतर 57 हजार ग्राम पंचायतों और 14 हजार शहरी वार्डों में महिला बीट पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाए। ये अधिकारी आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ गाँव-गाँव जाकर महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों और योजनाओं की जानकारी देंगी। साथ ही उन्हें यह भी बताया जाएगा कि आपात स्थिति में सहायता कैसे और कहाँ से प्राप्त की जा सकती है।
त्योहारों में विशेष सुरक्षा इंतज़ाम
नवरात्र और अन्य पर्व-त्योहारों के दौरान मंदिरों, मेलों और सार्वजनिक स्थलों पर महिला पुलिस की विशेष तैनाती होगी। एंटी रोमियो स्क्वॉड को भी और सक्रिय किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि “शोहदों के विरुद्ध ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए, जो नजीर बने और अपराधी दोबारा ऐसी हरकत करने की हिम्मत न जुटा सके।”
संवाद, जागरूकता और कानूनी सहायता
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में महिला सुरक्षा से जुड़े संवाद और कॉन्फ्रेंस आयोजित करने को कहा। इनमें अस्पतालों, औद्योगिक इकाइयों, स्कूल-कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- स्कूल-कॉलेजों में लघु फिल्मों का प्रदर्शन कर छात्र-छात्राओं को महिला सुरक्षा और लैंगिक समानता के प्रति जागरूक किया जाएगा।
- जेल में बंद असहाय महिलाओं को विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- महिला अपराधों की सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि महिला हेल्पलाइन 1090 पर आने वाली हर कॉल को गंभीरता से लिया जाए और हर शिकायत का संतोषजनक समाधान सुनिश्चित किया जाए।
पिंक बूथ और मिशन शक्ति केंद्र
सीएम योगी ने निर्देश दिए कि सभी नगर निगमों में पिंक बूथ स्थापित किए जाएँ और मिशन शक्ति केंद्रों को 360 डिग्री मॉडल पर विकसित किया जाए। यहाँ शिकायत पंजीकरण, काउंसलिंग, कानूनी सहायता, फीडबैक और फॉलो-अप जैसी सुविधाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध हों।
इन केंद्रों में कार्यरत कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिसमें जेंडर सेंसिटाइजेशन, डिजिटल एविडेंस कलेक्शन, केस मैनेजमेंट और वित्तीय सहायता योजनाओं की जानकारी शामिल होगी।
अब तक की उपलब्धियाँ
बैठक में बताया गया कि पिछले चरण में मिशन शक्ति के तहत प्रदेश भर में 3.44 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें 2.03 करोड़ महिलाओं और बालिकाओं ने भाग लिया।
9,172 महिला बीट्स और 18,344 महिला पुलिसकर्मी तैनात की गईं।
महिला हेल्पलाइन 1090, पिंक बूथ, पिंक स्कूटी, पिंक एसयूवी पेट्रोलिंग और सीसीटीवी जैसी व्यवस्थाओं से सकारात्मक परिणाम मिले।
आईटीएसएसओ पोर्टल के मुताबिक, उत्तर प्रदेश 98.80% निस्तारण दर के साथ देश में पहले स्थान पर रहा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ वीमेन इन पुलिस में यूपी के महिला हेल्पलाइन 1090 और मिशन शक्ति मॉडल को अन्य राज्यों में लागू करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ।
विशेष अभियान
पिछले चरण में कई विशेष अभियानों के तहत उल्लेखनीय काम हुआ: - ऑपरेशन गरुड़ – साइबर अपराधियों पर कार्रवाई
- ऑपरेशन बचपन – 2857 बच्चों का पुनर्वास, 22 अपराधी गिरफ्तार
- ऑपरेशन मजनू – 74 हजार युवकों पर कार्रवाई
- ऑपरेशन नशा मुक्ति – 40 हजार से अधिक गिरफ्तारियाँ
- ऑपरेशन रक्षा – होटलों-पब्स में अवैध गतिविधियों पर रोक
- ऑपरेशन ईगल – 7000 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी
“केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, सामाजिक अभियान है”
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मिशन शक्ति केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने का व्यापक सामाजिक अभियान है। यह तभी सफल होगा, जब हर गाँव, हर वार्ड और हर परिवार तक इसकी पहुँच सुनिश्चित होगी। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश की हर बेटी को सुरक्षा और सम्मान का भरोसा मिले।”

