भारत में गेहूं के आटे या रोटी का परांठा सबसे ज्यादा खाया जाता है, इससे बने आटे का इस्तेमाल भी खूब किया जाता है और खाकर पूड़ियां भी बड़े चाव से खाई जाती हैं. चूँकि नाश्ता एक बहुत ही महत्वपूर्ण भोजन है और अधिकांश आहार विशेषज्ञ इसे स्वस्थ रखने की सलाह देते हैं, यह जितना स्वस्थ होगा, शरीर को दिन के लिए उतनी ही अधिक आवश्यकता होगी। भारत के मशहूर पोषण विशेषज्ञ निखिल वत्स ने कहा कि अगर हम रोजाना नाश्ते में रागी या रोटी खाते हैं तो क्या फायदे होते हैं?
1. ग्लूटन मुक्त भोजन
रागी को गेहूं से बेहतर माना जाता है क्योंकि यह ग्लूटेन मुक्त होता है, जबकि गेहूं में ग्लूटेन होता है। इसलिए यह ग्लूटेन संवेदनशीलता या सीलिएक रोग वाले लोगों के लिए एक बढ़िया भोजन है।
2. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स
रागी में गेहूं की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को नाश्ते में रागी या रोटी खानी चाहिए।
3. मिनरल से भरपूर
रागी के आटे में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम समेत कई जरूरी खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाते हैं। कुल मिलाकर स्वास्थ्य अच्छा रहता है।