कोरोना वायरस के कहर को पूरी दुनिया अभी तक नहीं भूली है. इससे निजात पाने के लिए वैक्सीन लॉन्च की गई. लेकिन अब ये वैक्सीन भी आफत बन गई है. दरअसल, ब्रिटिश फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट हो सकते हैं। ब्रिटिश हाई कोर्ट को सौंपे गए दस्तावेजों में कंपनी ने माना कि उसकी कोरोना वैक्सीन थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीटीएस का कारण बन सकती है। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई गंभीर मामलों में, यह स्ट्रोक और दिल के दौरे का कारण भी बन सकता है।
कोविड-19 महामारी के दौरान, एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था। भारत में भी इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया. ब्रिटिश अखबार द डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कई परिवारों ने कोरोना वैक्सीन से होने वाले नुकसान का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था. जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ है.
स्कॉट ने पिछले साल एस्ट्राजेनेका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. मई 2023 में स्कॉट के आरोपों के जवाब में कंपनी ने दावा किया कि उसकी वैक्सीन टीटीएस का कारण नहीं बन सकती. हालांकि, इस साल फरवरी में हाई कोर्ट में दाखिल कानूनी दस्तावेजों में कंपनी इस दावे से पीछे हट गई. एस्ट्राजेनेका ने लिखा कि कुछ मामलों में उनकी वैक्सीन टीटीएस का कारण बन सकती है। हालाँकि, वैक्सीन में इस बीमारी का कारण क्या है? यह जानकारी फिलहाल कंपनी के पास उपलब्ध नहीं है। इन दस्तावेजों के सामने आने के बाद स्कॉट के वकील ने अदालत में दावा किया कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन में खामियां हैं और इसके प्रभावों के बारे में गलत जानकारी दी गई है।