प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में अरब सागर में बीट द्वारका द्वीप को मुख्य भूमि ओखा से जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे केबल-आधारित पुल ‘सुदर्शन सेतु’ का उद्घाटन किया।
मोदी ने अपने दिन की शुरुआत बीट द्वारका में भगवान श्री कृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना करके की।
इसके बाद उन्होंने ‘सुदर्शन सेतु’ नामक चार लेन के केबल आधारित पुल का उद्घाटन किया। इस अनोखे डिजाइन वाले पुल के दोनों किनारों पर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजाया गया एक पैदल मार्ग है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 2.32 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण 979 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। जिसके बीच में 900 मीटर लंबा केबल आधारित हिस्सा है और पुल तक पहुंचने के लिए 2.45 किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग है।
इसमें कहा गया है कि चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े पुल के दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े पैदलपथ हैं। इस पुल को पहले ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था और अब उसका नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ कर दिया गया है।
बेयट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है जहां भगवान श्रीकृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है।
अधिकारियों ने बताया कि सेतु के निर्माण से पूर्व तीर्थयात्रियों को बेयट द्वारका तक पहुंचने के लिए नौका परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था और इस पुल के निर्माण से वे कभी भी यात्रा कर सकेंगे।