प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रविवार को कुवैत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से नवाजा गया। दो दिवसीय कुवैत दौरे के दौरान उन्हें यह सम्मान बयान पैलेस में प्रदान किया गया। इस अवसर पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान मित्रता और संबंधों को मजबूत करने के प्रतीक के रूप में राष्ट्राध्यक्षों, विदेशी शासकों और शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह सम्मान बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे प्रतिष्ठित नेताओं को दिया जा चुका है। यह 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है जो किसी देश द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को प्रदान किया गया है।
इस यात्रा को भारत और कुवैत के बीच संबंधों को और सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा से मुलाकात की, जिसमें व्यापार, निवेश और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना भी जताई गई है।
भारतीय समुदाय से मुलाकात
पीएम मोदी ने अपने दौरे के दौरान कुवैत में रहने वाले भारतीय समुदाय को संबोधित किया और एक भारतीय श्रमिक शिविर का भी दौरा किया। उन्होंने प्रवासी भारतीयों की सराहना करते हुए कहा कि वे भारत और कुवैत के बीच एक “जीवंत पुल” के रूप में कार्य कर रहे हैं।
भारत और कुवैत के व्यापारिक संबंध
भारत कुवैत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है। कुवैत में भारतीय प्रवासियों की संख्या अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के संबंधों को और गहराई देना है।
43 वर्षों बाद भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत यात्रा
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 43 वर्षों बाद कुवैत का दौरा किया। इससे पहले 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी। यह दौरा खाड़ी क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपस्थिति और कुवैत के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।