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कांग्रेस के दिग्गज नेता शिवराज पाटिल का निधन, 91 साल की उम्र में दी अंतिम विदाई

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकुरकर का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। 91 वर्षीय वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने महाराष्ट्र के लातूर स्थित अपने आवास “देववर” में सुबह करीब 6:30 बजे अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे और घर पर ही उनका उपचार चल रहा था। उनके निधन से कांग्रेस सहित पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर है।

लातूर के चाकुर से आने वाले शिवराज पाटिल देश की राजनीति में एक सशक्त, संतुलित और अनुभवी नेता माने जाते थे। उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन में कई संवैधानिक और प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया। वह सात बार लातूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए और 1980 से 1999 तक लगातार जनता का भरोसा जीतते रहे।

पाटिल ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकारों में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। उनकी समझदारी, शांत स्वभाव और संवैधानिक प्रक्रियाओं की गहरी पकड़ के कारण उन्हें 1991 में लोकसभा का स्पीकर बनाया गया, जहां वह 1996 तक इस शीर्ष पद पर रहे। संसद में उनकी कार्यशैली की हमेशा प्रशंसा की जाती रही।

साल 2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें केंद्र सरकार में गृह मंत्री नियुक्त किया। हालांकि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

अपने राजनीतिक जीवन के दौरान शिवराज पाटिल ने देश-विदेश की अनेक संसदीय कॉन्फ्रेंसेज़ में भारत का नेतृत्व किया और भारतीय लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कांग्रेस नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और इसे पार्टी तथा देश की अपूरणीय क्षति बताया है। उनके परिवार और समर्थकों के लिए यह बेहद दुखद समय है, जबकि देश ने एक अनुभवी, सजग और संवैधानिक मूल्यों के प्रति समर्पित नेता को खो दिया है।

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