पटना के मोकामा में अब तिरूपति बालाजी की तर्ज पर एक भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। बिहार के लोगों के लिए यह किसी बड़े सौगात से कम नहीं, क्योंकि इस परियोजना का सपना काफी समय से देखा जा रहा था। जो अब पूरी होने जा रही है बिहार सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए 10.11 एकड़ भूमि तिरूमला तिरुपति देवस्थानम् को 99 साल की लीज पर उपलब्ध करा दी है। यह वही वादा है, जिसे सम्राट चौधरी ने कुछ महीने पहले सार्वजनिक रूप से किया था, और अब यह पूरा होता दिखाई दे रहा है।
सरकार की ओर से दी गई यह जमीन पहले पथ निर्माण विभाग के नाम थी, जिसे अब पर्यटन विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है। मंदिर का निर्माण मोकामा खास इलाके में होगा, जो अपनी पौराणिक और भौगोलिक प्रभाव के कारण विशेष माना जाता है। गंगा नदी के तट पर स्थित यह क्षेत्र अंग, मगध और मिथिला जैसे प्राचीन जनपदों का संगम स्थल है। यहीं से सिमरिया घाट पर लगने वाले अर्ध कुंभ मेले का मार्ग भी जाता है। सड़क और रेल—दोनों से सबसे अच्छा कनेक्टिविटी होने के कारण भी इस स्थान को सबसे उपयुक्त माना गया है।
तिरुपति बालाजी मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी तिरूमला तिरुपति देवस्थानम् (TTD) को सौंपी गई है, जो अंतरराष्ट्रीय पहचान वाला धार्मिक ट्रस्ट है। यह संस्था न केवल आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित प्राचीन देवस्थानों का संचालन करती है, बल्कि विभिन्न राज्यों में मंदिर, वेद पाठशाला, वैदिक विश्वविद्यालय, अस्पताल और सामाजिक-धार्मिक संस्थानों का भी निर्माण करती रही है। टीटीडी दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, ओडिशा, केरल और हरियाणा सहित कई राज्यों में सक्रिय भूमिका निभा चुका है।
बिहार में मंदिर निर्माण के लिए पर्यटन विभाग ने टीटीडी को MoU भेज दिया है। इस फैसले की सराहना करते हुए टीटीडी के अध्यक्ष बी. आर. नायडू ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने लिखा कि मोकामा में मंदिर निर्माण के लिए मात्र 1 रुपये के टोकन लीज पर जमीन उपलब्ध कराना एक ऐतिहासिक कदम है। टीटीडी जल्द ही मंदिर निर्माण की विस्तृत योजना पर कार्य शुरू करेगा।
मोकामा में बनने जा रहा यह भव्य तिरुपति बालाजी मंदिर आने वाले समय में न सिर्फ बिहार की आध्यात्मिक पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि पर्यटन को भी नई दिशा देगा।

