महाकुंभ आस्था का सबसे बड़ा महापर्व होता है, जिसमें हर व्यक्ति एक बार इस पवित्र अवसर पर डुबकी लगाने की इच्छा करता है। कुंभ स्नान का धार्मिक महत्व अत्यधिक होता है, कहा जाता है कि इस स्नान से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि जीवन में देवी-देवताओं की कृपा भी बनी रहती है। यदि कुंभ स्नान के बाद दान-पुण्य किया जाए तो पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है। यह एक ऐसा अवसर होता है, जिसे हर व्यक्ति जीवन में एक बार अनुभव करना चाहता है।
अगर आप किसी कारणवश महाकुंभ में जाकर स्नान नहीं कर पा रहे हैं, तो भी आप घर पर ही पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए कुछ उपाय हैं:
महाकुंभ का जल लाकर स्नान करें:
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी के अनुसार, अगर आप कुंभ स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो आप अपने किसी जानने वाले, रिश्तेदार या पड़ोसी से महाकुंभ का जल मंगवा सकते हैं। इस जल को आप अपने स्नान के पानी में कुछ बूँदें डालकर स्नान करें, जिससे आपको कुंभ स्नान का वही पुण्य मिलेगा। आप इसे किसी शुभ दिन भी कर सकते हैं।
महाकुंभ का जल कैसे मंगवाएं:
यदि आपका कोई जानने वाला महाकुंभ में स्नान करने जा रहा है, तो आप उससे जल मंगवा सकते हैं। कई एनजीओ इस जल और प्रसाद को घर-घर भेजने की सेवा प्रदान करते हैं। आप इन सेवाओं का लाभ लेकर महाकुंभ का जल प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, ‘द त्रिवेणी संगम जल डिलीवरी सर्विस’ भी महाकुंभ के जल को आपके घर तक पहुंचाने की सुविधा देती है।
गंगाजल से स्नान करें:
यदि महाकुंभ का जल प्राप्त करना संभव नहीं हो रहा है, तो आप घर पर गंगाजल से स्नान कर सकते हैं। गंगाजल से स्नान करने से भी वही पुण्य प्राप्त होता है जो महाकुंभ में स्नान करने से मिलता है। आप अमृत स्नान के लिए निर्धारित तिथियों में से किसी एक दिन गंगाजल से स्नान करें, इसके बाद दान-पुण्य करें। इस तरह से भी आपको कुंभ स्नान का पूरा फल मिलेगा।