प्रयागराज की पहचान सिर्फ संगम और कुंभ मेले से ही नहीं है, बल्कि यहां के पारंपरिक व्यंजन भी लोगों को खूब लुभाते हैं। खासतौर पर यहां की खस्ता कचौड़ी का नाश्ता बेहद प्रसिद्ध है। यदि आप प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं, तो घर पर ही इस लाजवाब कचौड़ी को बनाकर उसका स्वाद ले सकते हैं। यह कचौड़ी उड़द दाल की मसालेदार भरावन के साथ बनती है, जिससे यह बेहद स्वादिष्ट और कुरकुरी हो जाती है। आइए जानते हैं इसे बनाने की आसान विधि।
आवश्यक सामग्री
आटा गूंथने के लिए:
- मैदा – 2 कप
- अजवाइन – 1 छोटी चम्मच (हल्का क्रश किया हुआ)
- तेल – 4 चम्मच
- गुनगुना पानी – आवश्यकतानुसार (नरम आटा गूंथने के लिए)
भरावन के लिए:
- उड़द दाल – 250 ग्राम (2-3 घंटे भिगोकर दरदरी पीसी हुई)
- साबुत धनिया – 2 चम्मच
- सौंफ – 1 चम्मच
- जीरा – 1 चम्मच
- सूखी लाल मिर्च – 2 (दरदरी पीसी हुई)
- सरसों का तेल – 4 चम्मच
- हींग – 1 चुटकी
- अदरक – 1 चम्मच (बारीक कटा हुआ)
- हरी मिर्च – 4 (बारीक कटी हुई)
- हल्दी पाउडर – 1 चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर – 1 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- हरा धनिया – 1 चम्मच (बारीक कटा हुआ)
बनाने की विधि
1. आटा गूंथना:
सबसे पहले एक बड़े बर्तन में मैदा लें और उसमें अजवाइन और तेल मिलाकर अच्छी तरह मिक्स करें। अब इसमें थोड़ा-थोड़ा गुनगुना पानी डालकर नरम आटा गूंथ लें। इसे कपड़े से ढककर 20-30 मिनट के लिए सेट होने के लिए रख दें।
2. भरावन तैयार करना:
एक पैन में साबुत धनिया, सौंफ, जीरा और सूखी लाल मिर्च डालकर हल्का भून लें। जब ये ठंडे हो जाएं, तो इन्हें पीसकर पाउडर बना लें। अब एक कड़ाही में सरसों का तेल गर्म करें और उसमें हींग, कटा अदरक और हरी मिर्च डालकर भूनें। फिर इसमें पीसी हुई उड़द दाल डालें और अच्छी तरह भूनें। जब दाल हल्की सूखने लगे, तो उसमें तैयार मसाला, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालकर अच्छे से मिला दें। इसे तब तक भूनें जब तक यह पूरी तरह सूख न जाए। आखिर में इसमें हरा धनिया मिला दें और गैस बंद कर दें।
3. कचौड़ी बनाना:
गूंथे हुए आटे को अच्छे से मसलकर छोटी-छोटी लोइयां बना लें। अब एक लोई को हल्का बेलें, उसमें तैयार भरावन रखकर चारों तरफ से मोड़कर बंद कर दें। फिर हल्के हाथों से दबाकर इसे कचौड़ी का आकार दें।
4. तलने की प्रक्रिया:
एक कड़ाही में तेल गर्म करें। जब तेल मध्यम गर्म हो जाए, तो उसमें तैयार कचौड़ियां डालें और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तलें। जब कचौड़ियां क्रिस्पी और हल्की ब्राउन हो जाएं, तो उन्हें निकालकर टिशू पेपर पर रख दें, ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।
परोसने का तरीका
गर्मागर्म खस्ता कचौड़ी को हींग वाली आलू की सब्जी, हरी चटनी या मीठी चटनी के साथ परोसें। आप चाहें तो इसे चाय के साथ भी खा सकते हैं। यह कचौड़ियां 10-15 दिनों तक ताजी बनी रहती हैं, इसलिए आप इन्हें स्टोर करके भी खा सकते हैं।
अब घर पर ही प्रयागराज की मशहूर खस्ता कचौड़ी का आनंद लें और अपने परिवार को भी इसका लाजवाब स्वाद चखाएं

