भारत के हर राज्य में होली का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन जब बात ब्रज की होली की आती है, तो इसकी भव्यता देखने लायक होती है। यही वजह है कि देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु होली के मौके पर मथुरा-वृंदावन का रुख करते हैं। अगर आप भी होली पर यहां जाने का विचार कर रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि इस दौरान भारी भीड़ होती है, जिससे कुछ लोगों को परेशानी हो सकती है।
किन लोगों को होली पर मथुरा-वृंदावन जाने से बचना चाहिए?
1. छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने से बचें
होली के समय मथुरा-वृंदावन में भीड़ बहुत ज्यादा होती है, जिससे छोटे बच्चों को संभालना मुश्किल हो सकता है। बच्चों की सुरक्षा और आराम को ध्यान में रखते हुए, होली के मुख्य दिन पर यात्रा से बचना बेहतर होगा।
2. बुजुर्गों के लिए मुश्किल हो सकती है यात्रा
भीड़भाड़ और लंबी दूरी तक पैदल चलना बुजुर्गों के लिए थकान और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ खड़ी कर सकता है। ऐसे में अगर बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होती है या वे अधिक भीड़ में असहज महसूस करते हैं, तो होली के दौरान यात्रा टालनी चाहिए।
3. भीड़ से घबराने वाले लोग न जाएं
अगर आपको अधिक भीड़भाड़ में घबराहट, बेचैनी या असहजता महसूस होती है, तो होली के दिन मथुरा-वृंदावन जाना आपके लिए परेशानी भरा हो सकता है।
होली मनाने के लिए सबसे सही समय कब है?
अगर आप मथुरा-वृंदावन की रंगों से भरी होली का आनंद लेना चाहते हैं लेकिन भीड़ से बचना चाहते हैं, तो होली के मुख्य दिन की बजाय पहले या बाद में जाने की योजना बनाएं।
ब्रज में होली की शुरुआत बसंत पंचमी से हो जाती है और यह 40 दिनों तक चलती है।
होली के मुख्य दिन की तुलना में शुरुआती दिनों में भीड़ कम होती है, जिससे आप आराम से उत्सव का आनंद ले सकते हैं।
इस दौरान आप बरसाना की लट्ठमार होली, गुलाल होली और फूलों की होली का अनुभव भी ले सकते हैं।
अगर आप छोटे बच्चों, बुजुर्गों या भीड़ से असहज महसूस करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो होली के मुख्य दिन पर मथुरा-वृंदावन जाने से बचें। भीड़भाड़ से बचने के लिए आप होली महोत्सव की शुरुआत के दौरान या इसके बाद यात्रा कर सकते हैं और ब्रज की रंगीन होली का आनंद ले सकते हैं।

