
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर रूस यूक्रेन के साथ प्रस्तावित 30-दिवसीय युद्धविराम को स्वीकार नहीं करता, तो उसे गंभीर आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
ट्रंप का बड़ा बयान
ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी वार्ताकार स्टीव विटकॉफ़ के नेतृत्व में एक दल जल्द ही मास्को जाएगा, जहां रूस के साथ युद्धविराम पर चर्चा होगी। यह पहल सऊदी अरब के जेद्दा में अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के बाद की जा रही है, जिसमें यूक्रेन ने 30 दिनों के युद्धविराम का समर्थन किया था।
ट्रंप ने पुतिन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि रूस इस युद्धविराम को अस्वीकार करता है, तो अमेरिका रूस की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रहार कर सकता है। उन्होंने कहा, “हम रूस के लिए स्थिति बेहद खराब कर सकते हैं। यह रूस के लिए विनाशकारी होगा, लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहता क्योंकि मेरा उद्देश्य शांति कायम करना है।”
यूरोप की प्रतिक्रिया
ब्रिटेन सहित यूरोपीय देशों ने भी पुतिन से युद्धविराम को स्वीकार करने और शांति वार्ता शुरू करने की अपील की है। फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने कहा कि युद्धविराम की घोषणा जल्द हो सकती है और यूरोप इसे लागू करने में सहायता के लिए तैयार रहेगा।
रूस की ओर से, क्रेमलिन ने कहा कि वह अमेरिका से और अधिक स्पष्ट जानकारी की प्रतीक्षा कर रहा है। रूस का कहना है कि किसी भी समझौते में उसकी सैन्य उपलब्धियों और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
ट्रंप ने दिए कड़े प्रतिबंधों के संकेत
ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि यदि रूस युद्धविराम को ठुकराता है, तो अमेरिका उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध और शुल्क लगाने पर विचार करेगा। उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध तब तक लागू रहेंगे जब तक युद्धविराम और शांति पर अंतिम समझौता नहीं हो जाता।
इस बीच, यूरोपीय रक्षा मंत्रियों ने पेरिस में एक बैठक की, जिसमें यूक्रेन में सुरक्षा को मजबूत करने और शांति समझौते के बाद वहां एक “आश्वासन बल” तैनात करने पर चर्चा की गई। इस बल का मुख्य उद्देश्य शांति बनाए रखना और रूस के किसी भी उल्लंघन को रोकना होगा।
शांति की ओर बढ़ता कदम?
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि यह युद्धविराम यूक्रेन में पिछले तीन वर्षों से जारी भीषण संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने कहा, “अगर हम रूस को युद्धविराम के लिए सहमत कर लेते हैं, तो यह इस खूनी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में 80 प्रतिशत समाधान होगा।”
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रूस इस प्रस्ताव पर कैसी प्रतिक्रिया देता है और क्या यह कदम यूक्रेन में लंबे समय से चले आ रहे युद्ध को समाप्त करने में सफल होता है।