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राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा डॉ. रामविलास दास वेदांती का पार्थिव शरीर अयोध्या पहुंचा, आज जल समाधि

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख पुरोधा और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का पार्थिव शरीर सोमवार देर रात अयोध्या पहुंचा। उनके आवास हिंदू धाम में पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु, संत समाज और जनप्रतिनिधि श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंच रहे हैं। उनके निधन से अयोध्या समेत पूरे संत समाज में शोक की लहर है।

डॉ. रामविलास दास वेदांती राम जन्मभूमि आंदोलन के अहम सूत्रधार रहे और उन्होंने लंबे समय तक इस संघर्ष को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके आवास पर नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, पूर्व महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि सहित कई प्रमुख लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की। प्रशासनिक अधिकारी और संत-महंत भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

परिजनों के अनुसार, डॉ. वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1953 को हुआ था और उन्होंने 15 दिसंबर 2025 को लगभग 72 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके उत्तराधिकारी राघवेश दास वेदांती ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 10 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या पहुंचेंगे और अंतिम विदाई में शामिल होंगे।

मंगलवार सुबह मौसम अनुकूल रहने पर संत परंपरा के अनुसार पार्थिव शरीर का नगर भ्रमण कराया जाएगा। इसके बाद हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि में दर्शन कराए जाएंगे। मुख्य मार्ग से होते हुए वीणा चौक के रास्ते श्मशान घाट ले जाया जाएगा, जहां उन्हें संत परंपरा के अनुसार जल समाधि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन को सनातन संस्कृति और राम मंदिर आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। डॉ. वेदांती के जाने से अयोध्या ने एक ऐसा संत-नेता खो दिया है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर आंदोलन और हिंदू समाज के लिए समर्पित कर दिया।

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