मुंबई – भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड राज्य संघों को एसओपी 60 साल से अधिक के व्यक्तियों को ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा बनने से रोकती है, जिसका असर अरुण लाल और ऑस्ट्रेलियाई डेव वाटमोर पर पड़ सकता है जो क्रम से बंगाल और बड़ौदा की टीमों के कोच हैं। अप्रैल में 66 साल के वाटमोर को बड़ौदा का कोच नियुक्त किया गया था, जबकि 65 साल के अरुण लाल के मार्गदर्शन में बंगाल ने मार्च में रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई थी।
बीसीसीआई के 100 पन्ने से अधिक के एसओपी के एक दिशानिर्देश के अनुसार, ’60 साल से अधिक की उम्र के सहयोगी स्टाफ, अंपायर, मैदानी स्टाफ और मधुमेह जैसी बीमारियों का ट्रीटमेंट करा रहे लोग, कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए कोविड-19 को जोखिम अधिक माना जा रहा है।’ इसके अनुसार, ‘सरकार के उचित दिशानिर्देश जारी करने तक ऐसे व्यक्तियों को कैंप की गतिविधियों में हिस्सा लेने से रोका जाना चाहिए।’ अरुण लाल और वाटमोर दोनों सीजन पूर्व ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।