
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की जान चली गई। इस भीषण हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए SAARC फ्रेमवर्क के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय नागरिकों को जारी वीजा रद्द कर दिए हैं।
सरकार के आदेश के अनुसार, भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है। इसके चलते बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक पंजाब स्थित अटारी-वाघा बॉर्डर के ज़रिए पाकिस्तान लौट रहे हैं। हालांकि, भारत में विवाहित लेकिन भारतीय पासपोर्ट धारक कुछ पाकिस्तानी मूल की महिलाओं ने दस्तावेज़ों के बावजूद समस्याएं झेलने की बात कही है।
अब तक की जानकारी के अनुसार, कुल 191 पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़कर पाकिस्तान लौट चुके हैं, जबकि 287 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से भारत वापस आ चुके हैं।
हमले के बाद भारत ने कूटनीतिक कदम भी उठाए हैं। विदेश मंत्रालय ने सिंधु जल संधि को रद्द करने की घोषणा की है। इसके साथ ही पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास की गतिविधियों को भी सीमित कर दिया गया है। वहीं, अटारी-वाघा बॉर्डर को भी फिलहाल बंद कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई उच्चस्तरीय बैठक
घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। सरकार ने आदेश दिया कि अटारी स्थित एकीकृत जांच चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा। हालांकि जिन भारतीय नागरिकों के पास वैध दस्तावेज़ हैं और जो पाकिस्तान में हैं, उन्हें 1 मई से पहले इसी मार्ग से भारत लौटने की अनुमति दी गई है।
विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह नया वीजा नियम उन पाकिस्तानी नागरिकों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें लॉन्ग टर्म वीजा मिला हुआ है और जो हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।