
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौते के बावजूद, विश्वसनीय सूत्रों ने आगाह किया है कि यदि पाकिस्तान द्वारा कोई उल्लंघन होता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी चालू है। भारत ने 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में यह सैन्य अभियान शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि 10 मई को जब दोनों देशों ने संघर्षविराम पर सहमति जताई, उसके कुछ ही समय बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलें भेजीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ऐसे उल्लंघन जारी रहते हैं, तो इसके नतीजे गंभीर होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है और इसका मकसद आतंकियों व उनके समर्थकों को यह संदेश देना है कि पाकिस्तान में कोई भी जगह उनके लिए सुरक्षित नहीं है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि आतंकी अब पाकिस्तान के किसी एक इलाके में प्रशिक्षण प्राप्त करके किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर जाकर नहीं छुप सकते। “जो लोग सोचते हैं कि चार मंजिला बंगलों में बैठकर वे महफूज रहेंगे, उन्हें समझना चाहिए कि हम उन्हें वहां भी ढूंढ निकालेंगे,” सूत्रों ने चेतावनी दी।
उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर स्थित मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके स्थित अड्डे समेत नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। यह कार्रवाई पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या के दो सप्ताह बाद की गई।
इस बीच, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शनिवार को जानकारी दी कि पाकिस्तान के डीजीएमओ (सेना संचालन महानिदेशक) ने भारत के समकक्ष से संपर्क किया है और दोनों पक्षों ने सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई है। इसके तहत 12 मई की दोपहर को डीजीएमओ स्तर की बैठक भी तय की गई है।
हालांकि, दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने के कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन की खबरें सामने आईं। इस दौरान भारत के डिफेंस सिस्टम ने श्रीनगर में ब्लैकआउट के बीच एक पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया।