
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना दल (एस) को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने और पार्टी को उसके मूल सिद्धांतों से भटकाने का आरोप लगाया है। इस घटनाक्रम के बाद प्रतापगढ़ सहित पूरे प्रदेश में सियासी माहौल गरम हो गया है।
राजकुमार पाल ने प्रतापगढ़ के एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता अपनी पार्टी को संगठित रखने में असमर्थ है, तो ऐसी पार्टी में बने रहने का कोई अर्थ नहीं रह जाता। उनके साथ प्रदेश सचिव कमलेश विश्वकर्मा, अल्पसंख्यक मंच के प्रदेश सचिव मोहम्मद फहीम और जिला महासचिव बीएल पासी ने भी पार्टी छोड़ दी। इससे पहले भी कई जिलों के अध्यक्षों ने पार्टी से किनारा कर लिया था।
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब पार्टी में इस तरह का बड़ा विभाजन हुआ हो। इससे पहले अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल और बहन पल्लवी पटेल भी पार्टी से अलग हो चुकी हैं।
राजकुमार पाल ने आरोप लगाए कि पार्टी अब अंबेडकरवादी विचारधारा से भटक चुकी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर सोनेलाल का जो सपना था, पार्टी की मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष उससे दूर जा चुकी हैं। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा आम हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष होते हुए भी वे जिलों के अध्यक्षों से अपरिचित रहते हैं। विधानसभा प्रभारियों की नियुक्ति भी बिना किसी जानकारी या विचार-विमर्श के की जाती है।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वे अपनी गाड़ी और डीजल पर लाखों रुपये खर्च कर पार्टी के लिए काम कर रहे थे, लेकिन आशीष पटेल की ओर से किए गए वादे – जैसे एमएलसी और अन्य पद – केवल छलावा साबित हुए। उन्होंने कहा कि पार्टी में उनका शोषण हो रहा था और इसी वजह से इस्तीफा देना उन्हें जरूरी लगा।