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पर्सनल लोन की किस्त चुकाने में मुश्किल हो रही है? जानिए, क्या कदम उठाए जा सकते हैं

अगर आपको अचानक अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ता है, आपका व्यवसाय बंद हो जाता है, या किसी अन्य आर्थिक संकट के कारण आप लोन की ईएमआई चुकाने में असमर्थ हैं, तो घबराने की कोई बात नहीं है। आप कुछ ठोस कदम उठा कर इस समस्या से उबर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एक लोन चुकाने के लिए दूसरा लोन लेने से बचें, क्योंकि इससे कर्ज के दुष्चक्र में फंसने का खतरा होता है। आइए जानते हैं कि जब आप लोन चुकाने में सक्षम न हों, तो कौन से उपाय कारगर हो सकते हैं।

  1. बैंक या एनबीएफसी से संपर्क करें
    सबसे पहले, आपको उस बैंक या वित्तीय संस्था से संपर्क करना चाहिए, जहां आपने लोन लिया है। उन्हें अपनी वर्तमान स्थिति के बारे में बताएं। आप ईमेल के माध्यम से या फिर बैंक शाखा में जाकर लोन विभाग के अधिकारी से मिलकर राहत की मांग कर सकते हैं। बैंक आपकी स्थिति का मूल्यांकन करके यह तय करेगा कि आपको कितने समय के लिए ईएमआई में राहत दी जा सकती है।
  2. लोन रीस्ट्रक्चरिंग
    यदि आपके पास पर्याप्त धन नहीं है, तो आप बैंक से अपने लोन की रीस्ट्रक्चरिंग करवा सकते हैं। इस प्रक्रिया में आम तौर पर ईएमआई कम हो जाती है, लेकिन लोन चुकाने की अवधि बढ़ा दी जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 5 साल के लिए लोन लिया था, तो बैंक उस लोन की अवधि बढ़ाकर आपकी मासिक ईएमआई कम कर सकता है।
  3. बैलेंस ट्रांसफर (Balance Transfer)
    कई बैंक आपको अपने मौजूदा लोन को बैलेंस ट्रांसफर करने की सुविधा देते हैं। इसके तहत आप अपने पुराने लोन को एक नए बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं, जहां आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। इससे आपकी ईएमआई भी कम हो सकती है और आपकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है।
  4. लोन सेटलमेंट (One Time Settlement)
    अगर आप बार-बार बैंक से संपर्क करने के बावजूद लोन की ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं, तो बैंक एक वन टाइम सेटलमेंट (OTS) ऑफर कर सकता है। इसमें बैंक आपकी पूरी बकाया राशि की मांग नहीं करता, बल्कि एक मुश्त भुगतान पर समझौता कर लेता है, जो आमतौर पर बकाया का 10% से 50% तक हो सकता है। यह आपके लिए एक राहत का मौका हो सकता है, क्योंकि इसके बाद बाकी का कर्ज माफ कर दिया जाता है।

इन कदमों को ध्यान में रखते हुए आप आर्थिक संकट के समय अपने लोन को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं और कर्ज के बोझ से बच सकते हैं।

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