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“क्यों कोई जन्म से अमीर, और कोई गरीब?” प्रेमानंद महाराज का आत्मिक उत्तर लोगों के दिलों को छू रहा है

जीवन में असमानताओं को देखकर अक्सर मन में सवाल उठता है – कोई जन्म लेते ही करोड़ों की दौलत में आंखें खोलता है, तो कोई गरीबी में सांस लेना सीखता है। हाल ही में प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने यही सवाल पूछा, जिसका उत्तर आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोगों को आत्ममंथन के लिए प्रेरित कर रहा है।
प्रेमानंद महाराज, जिनके दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं, अपने सहज लेकिन गहरे उत्तरों के लिए प्रसिद्ध हैं। जब एक जिज्ञासु ने उनसे पूछा, “महाराज, कोई जन्म से अमीर क्यों होता है और कोई गरीब?”, तो उन्होंने शांत मुस्कान के साथ उत्तर दिया –
“ये सब पूर्व जन्म के कर्मों का फल है। जिसने पूर्वजन्म में दान-पुण्य किया, परोपकार किया, वही आज सुख-संपत्ति में जन्म लेता है।”
उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता का हवाला देते हुए कहा, “जो भक्त भक्ति में लगा रहा, लेकिन पूर्णता को न प्राप्त कर सका, वह अगले जन्म में किसी श्रेष्ठ कुल में जन्म लेता है। वह न केवल भौतिक सुख पाता है, बल्कि उसे पूर्व जन्म की साधना फिर से उन्नति की ओर ले जाती है। उसे ‘योगभ्रष्ट’ कहा जाता है।”
महाराज जी का कहना है कि ऐसे लोग भले ही अमीरी में जन्म लें, लेकिन वे भोग-विलास में नहीं फंसते। उनके अंदर एक आध्यात्मिक चेतना पहले से होती है, जो उन्हें साधना की ओर खींच लाती है।
महाराज के इस उत्तर ने न सिर्फ उस भक्त को संतुष्ट किया, बल्कि हजारों लोगों को कर्म और पुनर्जन्म की गहराई को समझने का एक मौका दिया। यह जवाब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, और लोग इसे ‘जीवन बदल देने वाला दृष्टिकोण’ बता रहे हैं।

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