दिल्ली के बाहरी इलाके बवाना के औद्योगिक क्षेत्र में शुक्रवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक प्लास्टिक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें और काले धुएं का गुबार दूर से ही साफ नजर आ रहा था। हादसे में जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई, लेकिन लाखों रुपये की संपत्ति जलकर खाक हो गई। आग लगते ही आसपास के लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। थोड़ी ही देर में दिल्ली अग्निशमन विभाग की कुल 22 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। दमकलकर्मियों को आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि फैक्ट्री के आसपास की सड़कें बेहद संकरी थीं और चारों ओर गोदामों की मौजूदगी से रास्ता और भी बाधित हो गया था। गनीमत यह रही कि घटना के समय फैक्ट्री में कामकाज बंद था और अंदर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। वरना यह हादसा जानलेवा साबित हो सकता था। पुलिस और दमकल अधिकारियों ने आसपास की फैक्ट्रियों को एहतियातन खाली करा लिया ताकि आग आगे न फैल सके। इलाके की बैरिकेडिंग कर दी गई और आम जनता की आवाजाही रोक दी गई थी। घना धुआं फैलने के कारण आसपास रहने वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई। प्रशासन ने लोगों से घरों में ही रहने की अपील की और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाने की चेतावनी दी। फिलहाल आग लगने की असली वजह साफ नहीं हो पाई है। प्रारंभिक तौर पर शॉर्ट सर्किट, रसायनों की प्रतिक्रिया या ज्वलनशील पदार्थों की मौजूदगी को संभावित कारण माना जा रहा है। फॉरेंसिक और दमकल विभाग की टीम ने जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद जिला प्रशासन ने बवाना इंडस्ट्रियल एरिया की अन्य फैक्ट्रियों को भी चेतावनी दी है कि वे अग्निशमन सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करें। बताया जा रहा है कि बवाना में इससे पहले भी ऐसी आग की घटनाएं हो चुकी हैं, जहां अग्निशमन यंत्र फेल हो गए थे या समय पर काम नहीं आए थे। फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है और राहत कार्य जारी है। मलबा हटाने के बाद ही सही नुकसान का आकलन किया जा सकेगा। प्रशासन और दमकल विभाग की टीमें मौके पर मौजूद हैं और लगातार निगरानी कर रही हैं। यह घटना एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और लापरवाही को उजागर करती है। ज़रूरत है कि समय रहते सभी फैक्ट्रियां सुरक्षा के लिहाज़ से जरूरी कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी भयावह घटनाओं से बचा जा सके।

