प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा 26 जुलाई, 2025 को समाप्त हुई। मालदीव की 60वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ के अवसर पर राजधानी माले में पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जो चीन सहित वैश्विक समुदाय के लिए एक मजबूत संदेश था। अपने दौरे के दूसरे दिन, पीएम मोदी ने मालदीव के कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात की, जिनमें उपराष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ, पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और पीपुल्स मजलिस के अध्यक्ष अब्दुल रहीम अब्दुल्ला शामिल थे।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की मालदीव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि भारत ने अतीत में मालदीव की कैसे मदद की है। इसमें कोई संदेह नहीं कि भविष्य में भी भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार रहेगा।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत मालदीव के पर्यटन क्षेत्र में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक है और पीएम मोदी की यात्रा से इस क्षेत्र में और वृद्धि होगी। मुइज्जू ने कहा, “मुझे विश्वास है कि इस यात्रा से दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान में भी काफी बढ़ोतरी होगी।”
मालदीव के पर्यटन और पर्यावरण मंत्री थोरिक इब्राहिम ने कहा कि पीएम मोदी की यात्रा बिल्कुल सही समय पर हुई है। उन्होंने इसे भारत और मालदीव के बीच गहरी साझेदारी का प्रतीक बताया।
गौरतलब है कि मुइज्जू ने अपने चुनाव अभियान में ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था और सत्ता में आने के बाद इस दिशा में कदम भी उठाए थे। मालदीव ने बीजिंग बेल्ट एंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग हासिल की थी और जनवरी 2025 में चीन-मालदीव मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। ऐसे में, पीएम मोदी का मालदीव के स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना दोनों देशों के बीच नए राजनयिक संबंधों की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

