भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में एक बार फिर तनाव की आहट सुनाई दे रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात होने वाली वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इस फैसले ने दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मसले पर स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाया है।
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और भारत की हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की 100वीं जन्म जयंती के अवसर पर, पीएम मोदी ने नई दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए अमेरिकी टैरिफ नीति पर करारा जवाब दिया।
हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी का यह बयान उस समय आया है, जब अमेरिका ने भारत के कृषि और डेयरी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाया है। ट्रंप प्रशासन भारत से अपने बाजार में डेयरी, पोल्ट्री, मक्का, सोयाबीन, चावल, और गेहूं जैसे उत्पादों के लिए अधिक पहुंच की मांग कर रहा है। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हितों की रक्षा के लिए किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा।
भारत में कृषि न केवल अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि यह देश की राजनीति और सामाजिक संरचना का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। लगभग आधे भारतीय कामगार कृषि क्षेत्र में कार्यरत हैं, और डेयरी उद्योग लाखों किसानों के लिए आजीविका का प्रमुख स्रोत है। ऐसे में, अमेरिकी टैरिफ का असर न केवल व्यापार, बल्कि भारत के ग्रामीण समुदायों पर भी पड़ सकता है।

